अल्माटी। कजाकिस्तान (Kazakhstan) में कई हफ्तों से महंगाई के मुद्दों को लेकर लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। लोगों के भारी विरोध के चलते बुधवार को सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, विरोध प्रदर्शन इसके बाद भी जारी है। गुरुवार को पुलिस व सेना को प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए लगाया गया। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में कई लोगों मारे गए हैं। मॉस्को (Moscow) के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने कजाकिस्तान में बढ़ती अशांति को कम करने में मदद के लिए सैनिकों को भेजा है।
तीसरे दिन प्रदर्शन हुआ हिंसक
लंबे समय से मध्य एशिया के पूर्व सोवियत गणराज्यों (Ex Soviet republics of Central Asia) में सबसे स्थिर के रूप में देखा जाने वाला, ऊर्जा-समृद्ध (Energy rich) कजाकिस्तान दशकों में अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है, जब ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में व्यापक अशांति फैल गई। कजाकिस्तान के लोग काफी दिनों से सरकार के खिलाफ महंगाई के विरोध में उतर रहे हैं। पिछले तीन दिनों में देशभर में यह मुद्दा काफी जोर पकड़ लिया। तीन दिनों से लोग सड़क पर उतर आए। लोगों के गुस्से को देखते हुए सरकार को इस्तीफा देना पड़ा। तीसरे दिन गुरुवार को यह प्रदर्शन हिंसक हो गया।
न्यूज एजेंसीज के मुताबिक लगातार तीसरे दिन सैकड़ों प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ अलमाटी (Almaty) के मुख्य चौराहे पर जमा थे। गुरुवार सुबह हथियारबंद पुलिसकर्मी और दर्जनों सैनिक घटनास्थल पर पहुंचे। रॉयटर्स से बात करने वाले चश्मदीदीदों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों के भीड़ के पास पहुंचने के बाद गोलियां चलने की आवाजें सुनी गईं, जिसके बाद से मुख्य चौराहे पर कोई खास गतिविधि दिखाई-सुनाई नहीं दे रही है।
देश में महंगाई से लोग हुए परेशान
कजाकिस्तान में मंहगाई के खिलाफ कई हफ्तों से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। मंगलवार को प्रदर्शन तब और तेज हो गए, जब अधिकारियों ने एलपीजी की कीमतों पर लगी सीमा हटा ली, जिसके बाद ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि देखने को मिली।
बुधवार को पीएम ने सहयोगियों के साथ दिया इस्तीफा
महंगाई के विरोध के चलते बुधवार को प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति कासिम जोमाट तोकायेव ने इस्तीफा स्वीकार करने के बाद अलीखान समाईलोव को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। साथ ही, उन्होंने देश में दो हफ्तों का आपातकाल लागू किया और सरकार को तेल की कीमतें नियमित करने का आदेश दिया।
प्रदर्शन के दौरान झड़प में आठ सुरक्षा कर्मी भी मारे गए
ईंधन कीमतों में वृद्धि के बाद मंगलवार को जब प्रदर्शन तेज हुए, तो बीते दो दिनों में आठ पुलिसकर्मी और नेशनल गार्ड के सैनिक मारे गए। हालात बिगड़ने के बाद कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने रूसी सुरक्षाबलों से मदद मांगी, जिन्होंने शांति-सेना भेजने का प्रस्ताव दिया था। राष्ट्रपति तोकायेव ने देश के नाम संबोधन में कहा था कि सरकार और सेना के दफ्तरों पर हमले का आह्वान पूरी तरह गैरकानूनी है।
बैंक का कामकाज ठप्प
सुरक्षा के बिगड़े हालात देखकर देशभर के बैंकों में कामकाज ठप्प कर दिया गया है। कजाखिस्तान के नेशनल बैंक ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए देशभर में बैंकों का कामकाज बंद रखने का फैसला किया है। पूरे देश में इंटरनेट भी लगभग बंद है।
समाचार एजेंसी इंटरफैक्स ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि कजाखिस्तान के सबसे बड़े शहर में गुरुवार को दसियों प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक पुलिस का दावा है कि ये प्रदर्शनकारी सरकारी दफ्तरों में घुसने का प्रयास कर रहे थे।
More Stories
बच्चों को डिजिटल मीडिया से रहना होगा दूर, ऑस्ट्रेलिया में कानून लाने की तैयारी
नेतन्याहू को झटका देने वाला ICC क्या है, ICJ से कितना अलग, भारत किसका सदस्य?
बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ वारंट जारी कराने वाले वकील यौन शोषण के आरोपी