Ookla के मुताबिक, चीन ग्लोबल 5G SA मार्केट पर हावी बना हुआ है और सबसे अधिक उपलब्धता बनाए हुए है। भारत की 52% उपलब्धता इसे कई विकसित देशों से आगे रखती है। अमेरिका, हालांकि भारत से पीछे है, फिर भी 24% उपलब्धता के साथ तीसरे पायदान पर बना हुआ है। रिपोर्ट आगे बताती है कि यूरोप में धीमा डिप्लॉयमेंट रेट कम ऑपरेटर निवेश और नीतिगत चुनौतियों को दर्शाती है। यूरोप में 5G SA के धीमे एक्सपेंशन को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका कारण वहां की कंपनियों द्वारा कम निवेश और पारंपरिक नेटवर्क पर निर्भरता हो सकती है।
Ookla के मुताबिक, चीन ग्लोबल 5G SA मार्केट पर हावी बना हुआ है और सबसे अधिक उपलब्धता बनाए हुए है। भारत की 52% उपलब्धता इसे कई विकसित देशों से आगे रखती है। अमेरिका, हालांकि भारत से पीछे है, फिर भी 24% उपलब्धता के साथ तीसरे पायदान पर बना हुआ है। रिपोर्ट आगे बताती है कि यूरोप में धीमा डिप्लॉयमेंट रेट कम ऑपरेटर निवेश और नीतिगत चुनौतियों को दर्शाती है। यूरोप में 5G SA के धीमे एक्सपेंशन को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका कारण वहां की कंपनियों द्वारा कम निवेश और पारंपरिक नेटवर्क पर निर्भरता हो सकती है।
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