विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि स्मार्टफोन के इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर नहीं होता है। WHO ने 63 स्टडी को फिर से खोला और उनका विश्लेषण किया। निष्कर्ष में स्मार्टफोन से निकलने वाली रेडिएशन से ब्रेन कैंसर का संबंध साबित नहीं हुआ। हालांकि IARC, RF रेडिएशन को अभी भी पॉसिबली कॉर्सिनोजेनिक मानती है। अभी इस क्षेत्र में और गहन शोध होने की गुंजाइश है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि स्मार्टफोन के इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर नहीं होता है। WHO ने 63 स्टडी को फिर से खोला और उनका विश्लेषण किया। निष्कर्ष में स्मार्टफोन से निकलने वाली रेडिएशन से ब्रेन कैंसर का संबंध साबित नहीं हुआ। हालांकि IARC, RF रेडिएशन को अभी भी पॉसिबली कॉर्सिनोजेनिक मानती है। अभी इस क्षेत्र में और गहन शोध होने की गुंजाइश है।
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