नई दिल्ली। दिल्ली की विवादास्पद नई एक्साइज पॉलिसी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो सकती है। शुक्रवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) के यहां CBI ने छापा मारा था। CBI की टीम ने दिल्ली में सिसोदिया के सरकारी आवास (ए विंग दिल्ली सचिवालय) सहित 30 अन्य ठिकानों पर रेड की थी। इसमें तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण का घर भी शामिल है। मनीष सिसोदिया पर जिन 3 धाराओं में केस दर्ज किया गया है, उनमें 2 धाराएं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत आती हैं।
पूर्व डिप्टी डायरेक्टर ने कहा-ईडी की भी होने वाली है एंट्री
ED के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सत्येंद्र सिंह संभावना जताते हैं कि आजकल में ED की एंट्री हो सकती है। वे कहते हैं कि CBI का फोकस क्राइम पर होगा। यानी इस घोटाले में कौन-कौन लिप्त है। वहीं ED मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करके पैसा अटैच करेगी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 में बनाया गया था। इसे 2005 में अमल में लाया गया। PMLA (संशोधन) अधिनियम, 2012 ने अपराधों की सूची का दायरा बढ़ाया है। इनमें धन छिपाने, अधिग्रहण और धन के आपराधिक कामों में इस्तेमाल को शामिल किया गया।
31 जगहों पर सीबीआई ने किया था रेड
मनीष सिसोदिया, आईएएस अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा के आवास और 29 अन्य स्थानों पर 15 घंटे की तलाशी ली गई थी। यह छापा दिल्ली आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वत की आरोप सामने आने पर FIR दर्ज करने के बाद CBI ने डाला। मामला पिछले नवंबर में सामने आया था।
सीबीआई की टीम सुबह पहुंची और पूरे घर की तलाशी ली। मेरे परिवार ने और मैंने उन्हें पूरा सहयोग दिया। उन्होंने मेरा कंप्यूटर और मोबाइल फोन जब्त कर लिया। वे कुछ फाइलें भी ले गए। केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल सरकार को दिल्ली में अच्छा काम करने से रोकने के लिए एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।
छापेमारी के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ दर्ज किया केस
17 अगस्त को CBI ने यहां एक स्पेशल कोर्ट में FIR दर्ज की थी। इसके बाद सिसोदिया के आवास सहित सात राज्यों में सुबह 8 बजे से छापेमारी शुरू की। सीबीआई टीम के सिसोदिया के आवास से रात करीब 11 बजे निकलने के साथ ही करीब 15 घंटे तक तलाशी अभियान जारी रहा।
सीबीआई ने जांच में किया है यह दावा
CBI जांच के तहत पता चला कि इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू द्वारा कथित तौर पर सिसोदिया के करीबी सहयोगियों को करोड़ों में कम से कम दो भुगतान किए गए हैं, जो आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं में सक्रिय रूप से शामिल शराब व्यापारियों में से एक था।
FIR में सिसोदिया के करीबी सहयोगी बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम (Buddy Retail Pvt. Limited) के निदेशक अमित अरोड़ा के साथ दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे पर आरोप लगाया गया है कि ये लोग शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ के प्रबंधन और डायवर्ट करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। FIR में कहा गया है कि कि दिनेश अरोड़ा द्वारा प्रबंधित राधा इंडस्ट्रीज को कथित तौर पर महेंद्रू से 1 करोड़ रुपये मिले। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के सहयोगी पांडे ने एक बार मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर की ओर से महेंद्रू से लगभग 2-4 करोड़ रुपये की नकदी एकत्र की थी।
इनके खिलाफ केस हुआ है दर्ज
सीबीआई ने चार लोक सेवक सिसोदिया, कृष्णा, पूर्व उप आबकारी आयुक्त आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायियों और दो कंपनियों सहित 15 लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धारा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों को शामिल किया है।
शुक्रवार सुबह शुरू हुआ तलाशी अभियान शाम तक दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, बेंगलुरु तक 31 स्थानों तक फैल गया, जिसके कारण आपत्तिजनक दस्तावेज, लेख, डिजिटल रिकॉर्ड आदि बरामद हुए।
लगा है करप्शन का आरोप
2020 में दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति लाने की बात कही थी। मई 2020 में दिल्ली सरकार विधानसभा में नई शराब नीति लेकर आई, जिसे नवंबर 2021 से लागू कर दिया गया था। जांच रिपोर्ट में 4 नियमों-GNCTD अधिनियम 1991,व्यापार नियमों के लेनदेन (TOBR)-1993,दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 तोड़कर करप्शन करने का आरोप लगा है।
इस मामले की जांच की सिफारिश के बाद सरकार ने पिछले दिनों फिर से पुरानी पॉलिसी लागू करने का ऐलान कर दिया था। इस मामले में जांच का आदेश उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दी है। हाल में मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एलजी को एक रिपोर्ट सौंपी थी।