नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार के स्वामित्व वाली बीएसएनएल (BSNL) के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज (Revival Package) को मंजूरी दे दी है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसका उद्देश्य बीएसएनएल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना होगा। बैलेंस सीट में सुधार करने के लिए भी उपयोग किया जाएगा। इससे कंपनी की फाइबर पहुंच का भी विस्तार होगा।
बीएसएनएल पर 33 हजार करोड़ का कर्ज
रिवाइवल पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये की नकद सहायता है और 1.20 लाख करोड़ रुपये की गैर नकद सहायता शामिल की गई है। रिवाइवल प्रोग्राम चार साल की अवधि के लिए है। लेकिन इस प्रोग्राम के अधिकांश को पहले दो वर्षों में लागू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि कैश मूवर का उपयोग स्पेक्ट्रम आवंटन, पूंजीगत व्यय और वायाबिलिटी गैप फाइनेंसिग के लिए होगा। बैलेंस शीट को बेहतर बनाने के लिए, बीएसएनएल को बैंक का लोन चुकाने के लिए एक सॉवरेन गारंटी बांड भी सरकार जारी करने की मंजूरी दे रही है। बैंकों का बीएसएनएल पर 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। बीएसएनएल की सहायक कंपनी एमटीएनएल के लिए भी सॉवरेन गारंटी बांड लाया जाएगा।
बीएसएनएल और बीबीएनएल का होगा मर्जर
जमाना फास्ट हो रहा है। इसलिए फाइबर पहुंच में सुधार के लिए सरकार ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) को सरकार ने मर्जर की मंजूरी दे दी है। बीबीएनएल सरकार के स्वामित्व वाली ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता कंपनी है। मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल-बीबीएनएल का संयुक्त फाइबर नेटवर्क लगभग 14 लाख किलोमीटर तक विस्तार किया जाएगा। रिवावाइल पैकेज को लागू कर दिए जाने के बाद बीएसएनएल एआरपीयू को बढ़ाकर 170-180 रुपये किया जाएगा। इससे 4 जी सेवाओं का विस्तार करने में कंपनी सक्षम होगी।
लाखों जॉब होगी जेनरेट
मंत्री ने कहा कि कैबिनेट मे बीएसएनएल के लिए 4जी और 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन को भी मंजूरी दे दी है। बीएसएनएल 4जी सेवा लगभग 2 वर्षों में शुरू किए जाने की उम्मीद है। इससे राजस्व में भी इजाफा दर्ज किया जाएगा। जानकारी दें कि 31 मई 2022 तक प्राइवेट एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर्स के पास वायरलेस कंज्यूमर्स की 89.87 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी। जबकि दो पीएसयू एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर्स बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार में हिस्सेदारी केवल 10.13 प्रतिशत थी। 1.64 लाख करोड़ रुपये की रिवाइवल प्लान बीएसएनएल को फिर से खड़ा कर देगी। इसके अलावा सरकार को उम्मीद है कि इससे एक लाख से ज्यादा जॉब जेनरेट होगी।