ईद पर गुलाम नबी को पीएम मोदी क्यों फोन करते, राज्यसभा में बता दोनों रो पड़े

राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के रिटायर होने के मौके पर मंगलवार को भावुकता वाला माहौल रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने तारीफ करते करते उनसे हुई पुरानी बातचीत पर रो पड़े। गुलाम नबी आजाद भी उन दिनों को याद कर भावुक हो गए। दोनों ने पूरी कहानी भी सदन में साझा किए।

गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘सच बताएं सर, मेरे माता-पिता की जब मृत्यु हुई तो मेरे आंखों से आंसू निकले लेकिन मैं चिल्लाया नही। लेकिन जब मैं चिल्लाया वह थी संजय गांधी की मौत, इंदिरा गांधी की मौत और राजीव गांधी की मौत। एक बार जब सुनामी आ गया था, फिर उड़ीसा में 1999 में। उस समय समुद्र में हर तरफ लाशें थीं। मैं एक दफा तब चिल्लाकर रोया जब वह आतंकी हमला हुआ, जिसका उल्लेख पीएम मोदी ने किया।’

आजाद ने कहा, साल 2005 में जब मैं कश्मीर का सीएम बना तो उसका स्वागत मेरे गुजरात के भाइयों की मौत से हुआ। वहां स्वागत करने का आतंकियों का तरीका यही था। गरीबों की हत्या करो। आतंकवादियों ने गुजरात की बस पर हमला किया और दर्जन से ज्यादा वहीं हताहत हो गए और कई घायल हो गए।

लेकिन जब मैं एयरपोर्ट पर पहुंचा तो जाहिर है सिक्योरिटी वाले कहते हैं सीएम आ रहे हैं, सीएम आ रहे हैं…वहां छोटे-छोटे बच्चे थे जिनके पिता मर गए थे, किसी की मां मर गई। वे रोते-रोते मेरी टांगों से लिपट गए। तब मैं जोर से रोया कि ऐ खुदा मैं क्या करूं। आज मैं इन्हें लाशें दे रहा हूं इनके माता-पिता की। यह भावुक होने की बात थी। आज हम अल्लाह से यही कहते हैं कि इस देश से आतंकवाद खत्म हो जाए।

गुलाम नबी आजाद ने बताया कि कभी ईद हो त्योहार हो उन्हें कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के अलावा किसी का सबसे पहला फोन आता था तो वह पीएम नरेंद्र मोदी का। आजाद ने बताया कि पीएम मोदी ने कभी भी सदन में हुई बहसा-बहसी का व्यक्तिगत तौर पर बुरा नहीं माना।

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