आरजेडी ने किसानों के मसले पर मोदी सरकार को सदन में घेरा है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राजद सांसद ने केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर मुखालफत की।
सदन में आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद डाॅ. मनोज झा ने कहा, आज सरकार दिल्ली की सीमा पर आंदोलनकारी किसानों से ऐसे निपट रही है जैसे सीमा पर मुकाबला किया जा रहा हो। उन्होंने कहा कि किसान चांद नहीं मांग रहे, अपना हक मांग रहे हैं।
मनोज झा ने कहा कि किसानों के आंदोलन स्थल पर कंटीले तार, बाड़ और बैरिकेटिंग की गई हैै। आंदोलनों से निपटने का क्या यह उचित तरीका है? किसानों के लिए कहा गया कि आंदोलन में आतंकवादी, नक्सली, माओवादी और खालिस्तानी शामिल हो गए हैं।
मनोज झा ने शायराना अंदाज और पंचतंत्र की कहानी का जिक्र करते कहा कि आज जेपी होते तो इन कंटीले तार, बाड़ और बैरिकेटिंग को देखकर क्या सोचत। उन्होंने कहा कि किसानों की बात सुनी जानी चाहिए। किसान जितने बेहतर तरीके से अपना हित समझते हैं उतना न तो नेता समझते हैं और न ही सत्ता पक्ष, न विपक्ष। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सुनने और सुनाने की क्षमता होना आवश्यक है। किसान आंदोलन अब दिल्ली की सीमाओं तक ही सीमित नहीं है, यह आंदोलन अब देश के अन्य भागों में भी फैल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज बिहार के किसानों की हालत देश में सबसे ज्यादा खराब है। आज बिहार के किसान खेतिहर मजदूर बन गये हैं, अब सरकार पंजाब और हरियाणा के किसानों को भी मजदूर बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिये कि एक दिन इन किसानों ने हड़ताल कर दिया और फिर क्या होगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने सरकार को 303 का आंकड़ा दिया है। वह उन्हें तीन पर भी ला सकता है।