देहरादून। उत्तराखंड को चार साल में तीसरा मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने इस्तीफा दे दिया है। देर रात में वह राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, कुछ देर पहले तक वह प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे, तब इन्होंने इस्तीफे की भनक तक नहीं लगने दी। हालांकि, तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे की अटकलें कई दिनों से लगाई जा रही थी।
भाजपा विधायक दल की बैठक शनिवार को बुलाया गया है। इसमें विधायक दल के नए नेता का चुनाव किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने बुलाई बैठक, फोन पर सबको दे रहे सूचना
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद को लेकर संकट को दूर करने के लिए बीजेपी ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। शनिवार को दिन के तीन बजे यह बैठक बुलाई गई है। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
10 मार्च को बने थे सीएम, चार महीना पूरा भी नहीं और इस्तीफा
दरअसल, तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर मुख्यमंत्री बनाया गया था। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के खराब परफार्मेंस को देखते हुए पार्टी ने निर्णय लिया था। एक साल बाद चुनाव होना है। बीते तीन दिनों से तीरथ सिंह रावत दिल्ली में रहे। वह दो बार पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। शुक्रवार को वह देहरादून पहुंचे।
10 सितंबर तक विधायक निर्वाचित होना पड़ेगा रावत को
तीरथ सिंह रावत सांसद थे। बीजेपी ने उनको (Tirath Singh Rawat) मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनको छह महीने में विधायक होना है। 10 सितंबर को यह समयावधि खत्म हो जाएगी। उधर, राज्य के विधानसभा चुनाव अगले साल है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार आम चुनाव में महज एक साल होने की वजह से उपचुनाव संभव नहीं है। राज्य में विधान परिषद भी नहीं है। ऐसे में अगर तीरथ सिंह रावत कहीं से विधायक नहीं होते हैं तो संवैधानिक रूप से वह मुख्यमंत्री पद पर बने नहीं रह सकते हैं।
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