November 24, 2024
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समलैंगिक संबंध को शादी का जामा पहनाने घर छोड़ दिया दो सहेलियों ने

पुलिस व घरवालों को वे समलैंगिकता को कानूनी तौर पर मान्यता मिलने की बात कहती रहीं और साथ न छोड़ने पर अडिग रही।
एक लड़की की मां की तहरीर पर दूसरी युवती पर अपहरण का केस

गोरखपुर। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में नहीं रखा है लेकिन कोर्ट का नजरिया आने के तीन साल बाद भी समलैंगिक जोड़े कानूनी पेचिदिगियों से उबर नहीं पा रहे हैं। एक दूसरे के साथ खातिर घर छोड़ने वालीे गोरखपुर की दो सहेलियों को आखिरकर बिछड़ना ही पड़ा जबकि दोनों सहेलियां थाने में पुलिस के सामने शादी करने की जिद पर अड़ी रही।
गोरखपुर के गीडा थाना पुलिस के अनुसार दोनों लड़कियों में एक नाबालिग थी। नाबालिग लड़की की मां ने तहरीर देकर अपनी बेटी का अपहरण करने व बंधक बनाने का आरोप लगाया था। पुलिस को इसी तहरीर के मुताबिक कार्रवाई करनी पड़ी।
पुलिस ने बालिग लड़की को अपहरण के आरोप में कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जबकि नाबालिग लड़की को नारी निकेतन भेज दिया गया है।
दरअसल, दो सहेलियों के इस ‘खास संबंध’ वाली कहानी की नींव कई साल पहले से तैयार हो रही थी। गोरखपुर जिले के गीडा क्षेत्र की रहने वाली दोनों सहेलियों में यह प्रगाढ़ता पढ़ाई के दौरान आई। एक ही गांव की यह दोनों लड़कियां एक ही काॅलेज में इंटरमीडिएट की छात्रा हैं। पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद, एनसीसी भी दोनों साथ-साथ करती थीं। इसी बीच सरिता (बदला हुआ नाम) का दूसरी लड़की अंकिता (बदला हुआ नाम) से नजदीकियां बढ़ती चली गई और दोनों समलैंगिक संबंध में रहने लगे।
घर के लोग बताते हैं कि दोनों का अधिकतर समय एकसाथ व्यतीत होता। दोनों घर में कमरों में भी घंटों समय व्यतीत करने लगे। गांव-घर के लोग दो सहेलियों के बीच घनिष्ठता समझ इसे नजरअंदाज करते।
लेकिन बीते सप्ताह दोनों अचानक से घर से गायब हो गई। पहले तो घरवालों ने किसी सहेली या परिचित के घर जाने की संभावना से आश्वस्त थे लेकिन दोनों का एकसाथ घर से गायब होने की बात पता चलते ही अंकिता(बदला हुआ नाम) के घरवाले युवती सरिता(बदला हुआ नाम)पर अपहरण का आरोप लगाने लगे। अंकिता (बदला हुआ नाम) की मां ने पुलिस को तहरीर देकर सहेली सरिता (बदला हुआ नाम) पर घरवालों से मिलकर अपहरण करने व बंधक बनाकर कहीं रखने की साजिश का आरोप लगाने लगे।
मुख्यमंत्री का जिला होने के नाते पुलिस को दो लड़कियों के अचानक से गायब होने की सूचना मिली तो सक्रिय हो गई।
इस मामले की माॅनिटरिंग करने वाले गीडा थाना के प्रभारी सुधीर सिंह बताते हैं कि दोनों लड़कियों के मोबाइल फोन को ट्रेस कराया गया तो उसका लोकेशन पंजाब प्रांत के जालंधर में मिला। एक पुलिस टीम रवाना की गई। वहां दोनों लड़कियां मिली। दोनों ने पुलिस टीम को साफ-साफ यह बता दिया कि दोनों एक दूसरे में अपना जीवनसाथी देखती हैं और साथ रहना चाहती हैं।
लड़कियों ने बताया कि वह शादी करके एक साथ रहने के लिए घर छोड़ी हैं क्योंकि घरवाले इस रिश्ते को कभी नहीं मानते।
पुलिस टीम ने दोनों को समझा बुझाकर वापस लाया। मंगलवार को दोनों को गोरखपुर लाया गया। दोनों लड़कियों के परिजन पहुंचे। लेकिन लाख समझाने के बाद भी दोनों शादी की जिद पर अड़ी रही। पुलिस व घरवालों को वे समलैंगिकता को कानूनी तौर पर मान्यता मिलने की बात कहती रहीं और साथ न छोड़ने पर अडिग रही।
उधर, दोनों के परिजन किसी भी सूरत में दोनों की बात मानने पर राजी नहीं थे। अंकिता (बदला हुआ नाम) के घरवाले अपनी बेटी को नाबालिग होने के सबूत देने लगे और सरिता(बदला हुआ नाम)पर अपहरण का आरोप लगाने के साथ कार्रवाई पर अड़ गए।
गीडा थानाक्षेत्र अंतर्गत आने वाली पिपरौली के चौकी प्रभारी अभिषेक राय बताते हैं कि नाबालिग लड़की की मां की तहरीर पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दूसरी युवती पर अपहरण का केस दर्ज कर उसे कोर्ट के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया। जबकि नाबालिग लड़की को नारी निकेतन भेज दिया गया है।

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