6.5 किलोमीटर लंबे जेड मोड़ सुरंग को तैयार करने में कुल 2400 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इसे बनाने का मकसद श्रीनगर से सोनमर्ग और बाद में लद्दाख के बीच पहुंच को पहले से और बेहतर करने का है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 13 जनवरी जेड मोड़ सुरंग को राष्ट्र के नाम समर्पित करेंगे. आपको बता दें कि ये जेड मोड़ सुरंग भारत के लिए कूटनीतिक तौर पर बेहद अहम है. इस सुरंग के ऑपरेशनल होने से भारतीय सेना बगैर किसी रुकावट के साल भर सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच पाएंगे. पहले सुरंग ना होने के कारण सर्दी के समय में अधिक बर्फबारी के कारण सेना और आम वाहन इस इलाके से होकर नहीं गुजर पाते थे. लेकिन अब इस सुरंग की वजह से भारी बर्फबारी के बाद भी आवाजाही में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं आएगी. भारत के इस सुरंग ने पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ा दी है.इतना ही इस सुरंग के खुलने के बाद इस इलाके से भारत में घुसने की तैयारी में जुटे आतंकियों की भी शामत आने वाली है. भारतीय सेना अब उन इलाकों तक आसानी से पहुंच पाएगी जहां से ये आतंकी भारी बर्फबारी का फायदा उठाकर भारत की सीमा में घुसने की फिराक में रहते थे. आज हम आपको इस सुरंग के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
12 किलोमीटर की यह दूरी अब महज 15 मिनट में पूरी होगी
इस सुरंग को जेड मोड़ सुरंग इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह अंग्रेजी के अक्षर जेड के आकार की है. इस सुरंग के बनने के बाद अब 12 किलोमीटर की दूरी घटकर 6.5 किलोमीटर में सिमट गई है. और इस दूरी को पूरा करने में महज 15 मिनट का समय लगेगा.इस सुरंग के खुलने से सबसे ज्यादा फायदा ये होगा कि अब किसी को भी सर्दियों के मौसम में यहां से गुजरते समय हिमस्खलन की वजह घंटों हाइवे पर फंसे रहने का डर नहीं होगा.आपको बता दें कि जोजिला सुरंग का काम पूरा होने के बाद श्रीनगर-लेह मार्ग साल भर खुला रहेगा. इस परियोजना का काम 2015 में मई में शुरू हुआ था. सुरंग तैयार होने का काम पिछले साल यानी 2024 में पूरा हुआ है.
क्यों खास है ये सुरंग
ये सुरंग कई कारणों से खास है. बताया जा रहा है कि इस सुरंग के शुरू होने से इसमें से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ेंगी. एक अनुमान के अनुसार इस सुरंग से हर घंटे 1000 वाहनों की आवाजाही की क्षमता है.यह सुरंग 10 मीटर चौड़ी है और इसके साथ ही साढ़े सात मीटर की एक एस्केप टनल बनाई गई है.
बर्फबारी के कारण अब यातायात नहीं होगी बाधित
जेड मोड़ सुरंग श्रीनगर-करगिल-लेह हाईवे के जिस हिस्से पर पड़ता है उस इलाके में अकसर जबरदस्त बर्फबारी होती है. अधिक बर्फबारी के कारण हाईवे का एक बड़ा हिस्सा कई महीनों के लिए बंद कर दिया जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब इस परियोजना के तहत बने जेड मोड़ सुरंग और इसके साथ ही बनने वाले एक और सुरंग की वजह से आम लोगों के साथ-साथ भारतीय सेना भी इस हाईवे का पूरे साल भर बगैर किसी रुकावट के इस्तेमाल कर पाएंगे. इस परियोजना के तहत जो दो सुरंग बनाए जा रहे हैं उनमें से पहली है जेड मोड़ सुरंग जो गांदरबल जिले में गगनगीर व सोनमार्ग के बीच है. जबकि दूसरी सुरंग जिसकी लंबाई 14 किलोमीटर की है वो जोजि ला है और यह बालटाल से जोजिला पास के पार मिनीमार्ग याना द्रास तक जाएगी.
क्या है इस सुरंग का मकसद
आपको बता दें कि 6.5 किलोमीटर लंबे इस सुरंग को तैयार करने में कुल 2400 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इसे बनाने का मकसद श्रीनगर से सोनमर्ग और बाद में लद्दाख के बीच पहुंच को पहले से और बेहतर करने का है. यह सुरंग समुद्र तल से 8,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है. सड़क का यह हिस्सा विशेष रूप से सर्दियों के मौसम के लिए काफी संवेदनशील रहा है. इस मार्ग पर जेड मोड़ सुरंग के बनने से ये चुनौतियां काफी हद तक खत्म हो जाएंगी.
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