उदयपुर में ‘आदमखोर’ तेंदुए का आतंक, 2 दिन में 3 लोगों की जा चुकी है जान; सर्च ऑपरेशन जारी​

 चार दिनों से हुंडिथल गांव के लोग घर के माहौल में जीने को मजबूर हैं ग्राउंड जीरो पर एनडीटीवी से बातचीत करते हुए लोगों ने कहा कि ना वह खेती के काम कर पा रहे हैं ना स्कूली बच्चे स्कूल जा रहे हैं पूरी तरीके से भय के माहौल में दिन गुजर रहे हैं.

यूपी में भेडियों के आतंक के बाद अब राजस्थान के उदयपुर में भी आदमखोर पैंथर ने बीते चार दिनों में तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया है उदयपुर की गोगुंदा तहसील के चली ग्राम पंचायत के तीनों घटना जहां पर खेत में बकरी चराने गई 16 वर्षीय बालिका को इसने अपना पहला शिकार बनाया इसके बाद लगातार दो और अन्य ग्रामीण को भी मौत के घाट उतार दिया. उदयपुर में ‘आदमखोर’ तेंदुए को पकड़ने पहुंची आर्मी, 2 दिन में 3 लोगों की जा चुकी है

राजस्थान के उदयपुर में पिछले दो दिनों में एक महिला, एक पुरुष और एक बच्ची को मार डालने वाला ‘आदमखोर तेंदुआ’ अभी भी वन विभाग की पकड़ से बाहर है. इसके चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. इसके कारण लोगों ने अकेले घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है. हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने पैंथर को पकड़ने के लिए सेना की मदद ली है. जो वन विभाग के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन चला रही है.

हुंडिथल गांव में पहली घटना हुई जहां पर 16 वर्षीय बालिका जंगल में बकरियां चराने गई थी शाम को जब वह घर नहीं रोटी तो ग्रामीणों ने तलाश शुरू की जिसके बाद अगले दिन सुबह उसकी लाश पहाड़ी पर पाई गई, एनडीटीवी की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बात की

चार दिनों से हुंडिथल गांव के लोग घर के माहौल में जीने को मजबूर हैं ग्राउंड जीरो पर एनडीटीवी से बातचीत करते हुए लोगों ने कहा कि ना वह खेती के काम कर पा रहे हैं ना स्कूली बच्चे स्कूल जा रहे हैं पूरी तरीके से भय के माहौल में दिन गुजर रहे हैं.

3 लोगों की ले चुका है अब तक जान

दरअसल, उदयपुर जिले के गोगुंदा तहसील के छाली ग्राम पंचायत के तीन गांव में पिछले 2 दिन में तेंदुए ने अब 3 लोगों की अब तक जान ले चुका है. ये तीनों ही घटनाएं 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर हुई है. ऐसे में छाली ग्राम में आने वाले सभी गांवों में पंचायत ने अलर्ट जारी कर दिया है. प्रशासन और वन विभाग की तरफ से जंगल की तरफ अकेले न जाने की ग्रामणों से लगातार अपील की जा रही है.

वन विभाग के 80 कर्मचारी मैदान में

उदयपुर डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया की पैंथर ने अब तक तीन लोगों की जाने ले ली है. इसके बाद उसे ट्रेंकुलाईज करने के लिए तीन टीमें तैनात की गई है.ये टीमें उदयपुर, राजसमंद और जोधपुर की है. इसके अलावा वन विभाग के 80 कर्मचारियों को मैदान में उतारा है. इसके साथ ही तेंदुए को ट्रैप करने के लिए पिंजरे भी लगाए है.

आर्मी ने संभाला मोर्चा

वन विभाग अभी भी चिंतित है, क्योंकि तेंदुआ अभी भी उसकी पकड़ से बाहर है. ऐसे में उसने सेना की मदद ली है. क्योंकि इस समय प्रदेश में मानसून का सीजन चल रहा है, जंगलों में घनी हरियाली है. इसके चलते न तो तेंदुए के पगमार्क मिल रहे हैं और न ही उसकी लोकेशन मिल पा रही है.ऐसे में उदयपुर स्थित सेना की एकलिंगगढ़ छावनी से सेना की टीमें आई हैं.सेना ने अपने शक्तिशाली विजन ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी है. जिन इलाकों में हमले हुए हैं और आसपास के इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई. लेकिन अब तक तेंदुआ नजर नहीं आया है. आपको बता दें कि बीती रात भी सेना ने सर्च ऑपरेशन चलाया था, लेकिन पैंथर नजर नहीं आया.

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