October 11, 2024
एक देश, एक चुनाव' की बारी! नीतियों को लेकर मोदी 3.0 की खास तैयारी; मिल रहे बड़े संकेत

एक देश, एक चुनाव’ की बारी! नीतियों को लेकर मोदी 3.0 की खास तैयारी; मिल रहे बड़े संकेत​

केन्द्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल की नीतियों को लेकर आधिकारिक सूत्रों के हवाले से संकेत मिले हैं कि शायद एक देश एक चुनाव मौजूदा सरकार के कार्यकाल में होगा. मौजूदा सरकार का यह एजेंडा है, नीतिगत फैसलों में बदलाव नहीं होगा. नई शिक्षा नीति में बदलाव हुए हैं सुरक्षा इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर सरकार का फोकस है. लंबे समय के बाद भारत की मजबूत विदेश नीति स्थापित हुई है. महिला, गरीब, युवा, किसान पर सरकार का फोकस है. सरकार जल्द ही जनगणना शुरू करेगी. केंद्र सरकार ने GST में 140 से ज्यादा सुधार किए हैं. बाहरी और आंतरिक सुरक्षा, औद्योगिक नीति मजबूत हुई है. शिक्षा नीति में बदलाव अंतरिक्ष में भारत ने कदम रखा है.

केन्द्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल की नीतियों को लेकर आधिकारिक सूत्रों के हवाले से संकेत मिले हैं कि शायद एक देश एक चुनाव मौजूदा सरकार के कार्यकाल में होगा. मौजूदा सरकार का यह एजेंडा है, नीतिगत फैसलों में बदलाव नहीं होगा. नई शिक्षा नीति में बदलाव हुए हैं सुरक्षा इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर सरकार का फोकस है. लंबे समय के बाद भारत की मजबूत विदेश नीति स्थापित हुई है. महिला, गरीब, युवा, किसान पर सरकार का फोकस है. सरकार जल्द ही जनगणना शुरू करेगी. केंद्र सरकार ने GST में 140 से ज्यादा सुधार किए हैं. बाहरी और आंतरिक सुरक्षा, औद्योगिक नीति मजबूत हुई है. शिक्षा नीति में बदलाव अंतरिक्ष में भारत ने कदम रखा है.

केन्द्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल की नीतियों को लेकर आधिकारिक सूत्रों के हवाले से संकेत मिले हैं कि शायद एक देश एक चुनाव मौजूदा सरकार के कार्यकाल में होगा. मौजूदा सरकार का यह एजेंडा है, नीतिगत फैसलों में बदलाव नहीं होगा. नई शिक्षा नीति में बदलाव हुए हैं सुरक्षा इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर सरकार का फोकस है. लंबे समय के बाद भारत की मजबूत विदेश नीति स्थापित हुई है. महिला, गरीब, युवा, किसान पर सरकार का फोकस है. सरकार जल्द ही जनगणना शुरू करेगी. केंद्र सरकार ने GST में 140 से ज्यादा सुधार किए हैं. बाहरी और आंतरिक सुरक्षा, औद्योगिक नीति मजबूत हुई है. शिक्षा नीति में बदलाव अंतरिक्ष में भारत ने कदम रखा है.

एक देश एक चुनाव पर सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि सरकार प्रतिबद्ध है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में ही एक देश एक चुनाव प्रारंभ कर दिया जाए. हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने अपने भाषण में भी एक देश एक चुनाव की बात की थी. इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति बनाई गई थी जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी है. माना जा रहा है कि नीति आयोग भी जल्दी अपनी रिपोर्ट दे देगा. उन्होंने कहा है कि इस कार्यकाल में एक देश एक चुनाव होगा. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी इसका वादा किया था.

पांच राज्यों में समान आचार संहिता की तैयारी

समान आचार संहिता का जिक्र भी पीएम मोदी ने किया था. उन्होंने कहा था कि सेक्युलर समान संहिता होनी चाहिए. इस पर कम से कम पांच बीजेपी शासित राज्यों ने कमेटी बनाई हैं. उत्तराखंड में इसको लागू कर दिया गया है और वहां के कानून को अभी तक कोर्ट में कोई चुनौती नहीं दी गई है. पांच राज्यों की रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी. इसके बाद इस पर चर्चा की जाएगी.

अभी तक जनगणना की औपचारिकता पूर्ण नहीं की गई है. इस पर सूत्रों ने दावा किया है कि जल्द ही जनगणना भी शुरू कर दी जाएगी. जातिगत जनगणना पर अभी तक विचार नहीं किया गया है. हालांकि सरकार कास्ट सेंशस के खिलाफ नहीं है. इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि मोदी सरकार के पहले सौ दिन के लिए जो पीएम मोदी ने वादे किए थे उनके मुताबिक रफ्तार के साथ फैसले हो रहे हैं. तीन गुना अधिक रफ्तार से फैसले किए जा रहे हैं और इसमें लाखों रुपए की इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पहले सौ दिनों में आगे बढ़ाया गया है. इसके साथ साथ युवा, किसान, गरीब के ऊपर भी फोकस किया गया है. साथ ही देश में अन्य जो ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अभी तक कई काम नहीं हो पाया था, उन पर भी पहले सौ दिनों में काम किया गया है.

मोदी सरकार के एजेंडे में नहीं कोई बदलाव

सरकारी सूत्रों के मुताबिक जो बात कही जा रही थी कि बीजेपी का बहुमत कम हो गया है, पीछे रह गई है, इसलिए फैसलों में परिवर्तन होगा… उन्होंने इससे स्पष्ट रूप से इनकार किया है. सूत्रों ने कहा है कि 2014 से मोदी सरकार का जो एजेंडा चला आ रहा है, वही एजेंडा है. सरकार की नीतियां वही हैं, नीति परिवर्तन के लिए जो कुछ मुद्दे आते हैं उनके हिसाब से हो सकता है, लेकिन आम तौर पर नीतियां वही हैं और वही निरंतर रहेंगी. यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि दलों का कोई दबाव नहीं है, क्योंकि सहयोगी दलों के साथ ही सरकार 2004 से चलती आई है. मुद्दों के कारण दबाव में आने की कोई बात नहीं है.

नीतिगत फैसलों में चाहे नई शिक्षा नीति हो, सबसे बातचीत करके फैसला किया गया है. सरकारी सूत्रों ने चुटकी लेते हुए कहा कि, वामपंथियों ने नई शिक्षा नीति का विरोध नहीं किया क्योंकि अपने आप में दिखा था कि किस तरह से व्यापक सहमति के बाद नई शिक्षा नीति बनाई गई थी. इसी तरह से उनका यह भी कहना है कि जो प्रमुख मुद्दे हैं उस पर सरकार की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

जरूरत के मुताबिक विमर्श करती है सरकार

सूत्रों का कहना है कि किन्हीं मुद्दों पर सरकार के की ओर से किए गए बदलाव को यू-टर्न मत कहिए. जहां जहां पर सरकार को लगता है कि जरूरत है विचार विमर्श की वहां पर सरकार विचार विमर्श करती है, लेकिन दबाव में आने का कोई सवाल नहीं है क्योंकि सरकार वही है, सरकार उसी तरह से काम कर रही है जैसे कि पिछले दस साल से करती आई है. आगे भी सरकार वैसे ही काम करेगी.

जो सरकार ने मंत्रिमंडल के गठन के समय निरंतरता का संदेश दिया था, वही संदेश अभी भी दिया जा रहा है. यह सरकार वैसे ही चलेगी. इसमें लोग यह न सोचें कि बीजेपी की सीटें कम हो गईं इसलिए बीजेपी अपनी नीतियां बदल देगी या दबाव में झुकेगी. ऐसा बिल्कुल नहीं है.

दिलचस्प बात है कि 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है इसी दिन मोदी सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं. इसके लिए सेवा सप्ताह के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और इनमें महिलाओं, युवा, किसानों पर खास तौर से जोर दिया जाएगा. जहां तक महिलाओं की बात है तो यह बताया गया है कि पहले 100 दिनों में लखपति दीदी की संख्या एक लाख से अधिक कर दी गई है. किसानों के लिए किश्त पीएम मोदी ने जारी की है.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.