Jammu and Kashmir Assembly Election 2024 : जन्नत और स्वर्ग जैसे विशेषणों से नवाजे गए कश्मीर में गुपकार रोड की खासियत जानते हैं आप…नहीं तो पढ़िए क्यों फिदा रहता है बॉलीवुड…
Jammu & Kashmir Assembly Election 2024 : मुगल बादशाह जहांगीर ने एक बार कहा था कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह कश्मीर है. मुगल गए अंग्रेज आए तो वो भी कश्मीर की सुंदरता को देख हतप्रभ रह गए. देश आजाद होने तक भारतीय फिल्में (Bollywood) भी अपने पंख फैलाने लगीं और कैमरे में कश्मीर के खूबसूरत दृश्यों को कैद कर लेने की होड़ समा गई. राज कपूर (Raj Kapoor) ने सबसे पहले अपनी फिल्म बरसात के लिए कश्मीर में शूटिंग की थी. बरसात 1949 में परदे पर आई थी. आज इतने सालों बाद भी कश्मीर उसी सुंदरता को समेटे हुए और नई पीढ़ी उसके दीदार को उतना ही तरसती है, जितनी पहले की पीढ़ियां तरसती थीं.
गुपकार रोड कहां है?
कश्मीर में वैसे तो बहुत सी जगहें हैं घूमने के लिए और लोगों को आकर्षित करने के लिए, लेकिन डल झील और गुपकार रोड इसकी पहचान और ताकत हैं. दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए भी हैं. गुपकार का सियासत से बहुत सालों से रिश्ता जुड़ा रहा है. गुपकार रोड (Gupkar Road) को कश्मीर के लिए बहुत ही वीवीआईपी एड्रेस माना जाता है. पुराने लोग बताते हैं कि जब श्रीनगर शहर बना था तब कल्चरली बोला गया था कि डल के इस पार और डल के उस पार. डल के इस पार अमीर लोग रहते थे और डल के उस पार एक छोटा सा शहर था. डल के इस पार महाराजा रहते थे. आज के समय में भी कश्मीर के सभी राजनीतिक घराने और ब्यूरोक्रेट्स इसी गुपकार रोड पर ही रहते हैं. यहीं उनके घर या दफ्तर हैं.
गुपकार रोड और फिल्में?
गुपकार एक पावर सिंबल कश्मीर घाटी में बन गया है. यही वजह है शायद 370 हटने के बाद जब कश्मीर के सभी विपक्षी दलों ने गठबंधन किया तो उन्होंने इसका नाम गुपकार अलायंस रखा. जम्मू कश्मीर के महाराज का महल अब होटल में तब्दील हो गया है. लोग बताते हैं कि 1956 में ओबरॉय ग्रुप इस होटल को चलाता था. फिर ललित ग्रुप ने 1998 में इसे ले लिया. यहां तकरीबन 77 हिंदी फिल्मों की शूटिंग हुई है. 70 और 80 के दशक तक यहां पर महाराजा के परिवार के लोग भी रहते थे. फिल्म डायरेक्टर्स की यह एक अल्टीमेट चॉइस होता था. संजीव कुमार, धर्मेंद्र, विश्वजीत, शशि कपूर, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, राखी, माला सिन्हा, आशा पारीख, नंदा, साधना, शर्मिला टैगोर जैसे बड़े सितारों ने यहीं अपनी कई फिल्मों के शूटिंग किए हैं. कभी-कभी फिल्म में अमिताभ बच्चन और राखी का एक पेड़ के नीचे शेरो-शायरी वाला दृश्य आज भी लोगों के दिलों में कैद है. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की कई और फिल्में भी कश्मीर और गुपकार रोड में शूट हुईं हैं. इनमें सिलसिला, नटवरलाल, बेमीसाल खास तौर पर यादगार रहीं हैं.
शम्मी कपूर थे कश्मीर के फैन
इसके अलावा शम्मी कपूर को तो जैसे कश्मीर से खास लगाव था. 1964 में कश्मीर की कली फिल्म में शम्मी कपूर और शर्मिला टैगोर का रोमांस शायद ही कोई भूलना चाहेगा. इसके साथ हीं जंगली और जानवर जैसी फिल्मों में शम्मी कपूर ने इश्क के नये इतिहास गढ़े. कश्मीर इसका गवाह बना और फैंस इसके दीदार कर तृप्त हुए.
शाहरुख तक पहुंचे कश्मीर
इसके अलावा ऋषि कपूर और डिंपल की फिल्म बॉबी ने तो लोगों के दिलों में आग लगा दी थी. इसकी भी शूटिंग कश्मीर में हुई थी. आरजू और जब जब फूल खिले फिल्मों में कश्मीर की सुंदरता देखते ही बनती थी. 1974 में आई फिल्म आप की कसम का फेमस सॉन्ग जय जय शिव शंकर कांटा लगे न कंकड़…भी कश्मीर की हसीन वादियों में फिल्माया गया था. हालांकि, 90 के दशक में आतंकवाद के कारण भारतीय सिनेमा ने स्वीटजरलैंड का रुख कर लिया. इस बीच रोजा, मिशन कश्मीर, शाहरुख खान (Shahrukh Khan) की फिल्म जब तक है जान जैसी नये जमाने की फिल्मों के कई दृश्य भी कश्मीर में शूट हुए. अब एक बार फिर कश्मीर में फिल्मों की शूटिंग बढ़ रही है.
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