कांगो में ‘अज्ञात बीमारी’ से 406 लोग प्रभावित, 31 की मौत : डब्ल्यूएचओ​

 वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने कांगो गणराज्य के क्वांगो प्रांत के पांजी स्वास्थ्य क्षेत्र में इस अज्ञात बीमारी के प्रकोप की जांच के लिए विशेषज्ञों को भेजा है, जहां लोगों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से कहा गया कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में 24 अक्टूबर से 5 दिसंबर के बीच अज्ञात बीमारी से प्रभावित 406 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं इसमें 31 लोगों के मारे जाने की खबर है. कांगो के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने 29 नवंबर को डब्ल्यूएचओ को पांजी स्वास्थ्य क्षेत्र में अज्ञात कारणों से मौत के आंकड़ों में वृद्धि के बारे में चेतावनी दी थी. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने कांगो गणराज्य के क्वांगो प्रांत के पांजी स्वास्थ्य क्षेत्र में इस अज्ञात बीमारी के प्रकोप की जांच के लिए विशेषज्ञों को भेजा है, जहां लोगों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं.

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सभी गंभीर मामलों में कुपोषण की शिकायत:

डब्ल्यूएचओ ने कहा, “सभी गंभीर मामलों में गंभीर कुपोषण की शिकायत मिली है.” एजेंसी ने कहा कि इस मामले में 31 मौतें दर्ज की गई हैं. इनमें से 71 प्रतिशत पीड़ित 15 साल से कम आयु के हैं. डब्ल्यूएचओ ने नोट किया कि रिपोर्ट किए गए ज्यादा मामले पांच साल से कम उम्र के बच्चों के है. डब्ल्यूएचओ ने कहा, “यह क्षेत्र ग्रामीण और सुदूर है. बारिश के मौसम और बाढ़ के कारण यहां पहुंचना और भी कठिन हो गया है.”

टीमें कर रही हैं जांच:

जबकि प्रकोप अभी भी जारी है, डब्ल्यूएचओ ने लैब टेस्ट के लिए सैम्पल एकत्र करने के लिए टीमें भेजी हैं. परिणामों से ही इस प्रकोप के बारे में सही से पुष्टि की जा सकेगी. टीमें इस बात की भी जांच कर रही है कि यह संक्रमण कितनी तेजी से अपने पांव पसार रहा है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा, “प्रकोप के कारण की पहचान करने और व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जल्दी रिएक्शन टीम तैनात की गई हैं.” विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को संदेह है कि निमोनिया, इन्फ्लूएंजा, कोविड-19, खसरा और मलेरिया इसके संभावित कारण हैं, जबकि कुपोषण भी इसका एक मुख्‍य कारण है.

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संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा, “सटीक कारण जानने के लिए लैब टेस्ट चल रहे हैं। इसके साथ ही कहा कि एक से अधिक बीमारियों से मौत का खतरा हो सकता है.

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