November 19, 2024
ग्राउंड रिपोर्ट : प्रदूषण का असर इकोनॉमी पर भी, कइयों की छिनी रोजी रोटी, भटक रहे मजदूर

ग्राउंड रिपोर्ट : प्रदूषण का असर इकोनॉमी पर भी, कइयों की छिनी रोजी-रोटी, भटक रहे मजदूर​

दिल्ली-एनसीआर में GRAP-IV के सख्त दिशा निर्देशों की वजह से कंस्ट्रक्शन और किसी भी तरह के काम के विस्तार के प्रोजेक्ट पर भी रोक लग गई है.

दिल्ली-एनसीआर में GRAP-IV के सख्त दिशा निर्देशों की वजह से कंस्ट्रक्शन और किसी भी तरह के काम के विस्तार के प्रोजेक्ट पर भी रोक लग गई है.

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट से निपटने के लिए GRAP-IV के तहत सख्त नियमों के लागू होने से गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक इकाइयों पर बुरा असर पड़ रहा है. इसकी वजह से सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हुए हैं, जिन्हें काम की तलाश में दर-दर भटकना पड़ रहा है.

गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में GRAP-IV लागू होने की वजह से फैक्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग और आर्थिक गतिविधियां धीमी पड़ गई हैं.

इंडस्ट्रियल यूनिट्स के सामने माल का ट्रांसपोर्ट करने वाले डीजल ट्रकों की लगी लंबी कतार इसका एक अहम संकेत है. एनडीटीवी की टीम जब बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया पहुंची तो रास्ते में सैकड़ों मॉल की आवाजाही करने वाले ट्रांसपोर्ट ट्रक फैक्टरियों के सामने खड़े दिखे.

Auriopro Toshi Automatic Systems Pvt Ltd के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव सचदेवा ने एनडीटीवी से कहा कि GRAP-IV लागू होने से फैक्ट्री में जरूरी कच्चा माल सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है और तैयार रेडिमेड सामान फैक्ट्री से बाजार और क्लाइंट तक नहीं पहुंच पा रहा है.

दरअसल GRAP-IV के लागू होने से गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है और आर्थिक गतिविधियां घट गई हैं, क्योंकि फैक्ट्री ऑउटपुट घटना शुरू हो गया है.

संजीव सचदेवा कहते हैं, “GRAP-IV लागू होने से ट्रांसपोर्ट व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, क्योंकि डीजल ट्रैकों पर प्रतिबंध लग गया है. इस वजह से बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और फैक्ट्री में माल की आवाजाही पर बुरा असर पड़ रहा है, मैन्युफैक्चरिंग का सप्लाई चैन धीमा पड़ गया है. फैक्ट्री में प्राइमरी मैटेरियल नहीं पहुंच पा रहा है और ना ही फैक्ट्री में तैयार प्रोडक्ट और दूसरे सामान बाजार तक पहुंच पा रहे हैं.”

GRAP-IV के सख्त दिशा निर्देशों की वजह से कंस्ट्रक्शन और किसी भी तरह के काम के विस्तार के प्रोजेक्ट पर भी रोक लग गई है.

संजीव सचदेवा ने एनडीटीवी से कहा, “हमने हर तरह की कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी और फैक्ट्री के एक्सपेंशन का काम रोक दिया है. अगर ये संकट लंबा चलता है तो इससे हमारे प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ जाएंगे और नए बिजनेस प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे. इस संकट की वजह से दिहाड़ी मजदूरी करने वाले वर्कर प्रभावित हुए हैं, क्योंकि बहुत सारा काम इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग का रुक गया है. इस संकट की वजह से दिल्ली-NCR के इलाके से सटे इंडस्ट्रियल क्लस्टर में factories को फायदा होगा, क्योंकि बहुत सारा मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन का बिजनेस अब वहां धीरे-धीरे शिफ्ट होने लगेगा.”

GRAP-IV लागू होने से बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में लोडिंग-अनलोडिंग का काम लगभग रुक गया है. इसकी वजह से सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूर प्रभावित हैं. एनडीटीवी को बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में ऐसे कई मज़दूर मिले, जिन्हें पिछले दो-तीन दिनों से कोई काम नहीं मिल पा रहा है.

बढ़ी हुई महंगाई ने इन मजदूरों का संकट और बढ़ा दिया है. अब प्रभावित मजदूर सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार उनकी मदद करे और जिन मजदूरों के पास लेबर कार्ड है उन तक राहत पहुंचाई जाए.

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