जब अपने ही बेटे का नाम पसंद नहीं करती थीं मां, बलबीर राज कपूर से ऐसे शशि कपूर बने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के एक्टर​

 उनकी दादी ने उनका नाम बलबीर राज कपूर रखा था. लेकिन उनकी मां रामसरनी को ये नाम बिल्कुल पसंद नहीं था. इसलिए वो उन्हें प्यार से शशि बुलाती थीं. धीरे-धीरे उनका नाम शशि ही मशहूर हो गया और फिल्मों में भी वो इसी नाम से चमके.

मशहूर अभिनेता शशि कपूर को लोग उनकी सादगी और खास अंदाज के लिए बहुत पसंद करते थे. उनका गाना ‘तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई…’ आज भी लोगों के दिलों में बस्ता है. लेकिन क्या आपको पता है कि उनका असली नाम शशि नहीं, बल्कि बलबीर राज कपूर था? उनके जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं उनके नाम की मजेदार कहानी. शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था. उनके पिता का नाम पृथ्वीराज कपूर था. उनकी दादी ने उनका नाम बलबीर राज कपूर रखा था. लेकिन उनकी मां रामसरनी को ये नाम बिल्कुल पसंद नहीं था. इसलिए वो उन्हें प्यार से शशि बुलाती थीं. धीरे-धीरे उनका नाम शशि ही मशहूर हो गया और फिल्मों में भी वो इसी नाम से चमके.

शशि के घर में हर कोई अभिनय से जुड़ा था. उनके पिता और भाई फिल्मों में काम करते थे, तो शशि ने भी यही रास्ता चुना. एक और मजेदार बात ये है कि घर में सबसे छोटे होने की वजह से उन्हें बहुत प्यार मिलता था. 1945 में फिल्म ‘तदबीर’ से उन्होंने बतौर बाल कलाकार शुरुआत की. वो इतने अपने काम में इतना बिजी रहते थे कि उनके बड़े भाई राज कपूर ने मजाक में उनका नाम ‘टैक्सी’ रख दिया और उन्हें ऐसे ही बुलाते थे.

शशि ने ‘तदबीर’, ‘आग’, ‘संग्राम’, ‘आवारा’ जैसी फिल्मों में बचपन में काम किया. बड़ी फिल्मों में उनकी पहली फिल्म थी ‘धरमपुत्र’. इसके बाद ‘जब-जब फूल खिले’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘दीवार’, ‘नमक हलाल’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में वो नजर आए. 1971 में अपने पिता की मृत्यु के बाद शशि ने अपनी पत्नी जेनिफर के साथ मिलकर मुंबई में पृथ्वी थिएटर को फिर से शुरू किया. 1977 में उन्होंने अपनी कंपनी ‘फिल्मवालाज’ बनाई. शशि कपूर को 2011 में पद्म भूषण और 2014 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. शशि कपूर आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में और उनका नाम हमेशा याद रखा जाएगा.

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