आतंकवाद वित्त पोषण यानी टेरर फंडिंग के मामले (Terror Funding Case) में आरोपी इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है. उनके जेल से बाहर आने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी में खलबली मच गई है. इंजीनियर राशिद ने बारामूला सीट पर लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हरा दिया था. वे निर्दलीय सांसद बने. अब विधानसभा चुनाव से पहले वे जेल से बाहर आ गए हैं. इसका विधानसभा चुनाव के गणित पर असर होने की संभावना जताई जा रही है.
आतंकवाद वित्त पोषण यानी टेरर फंडिंग के मामले (Terror Funding Case) में आरोपी इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है. उनके जेल से बाहर आने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी में खलबली मच गई है. इंजीनियर राशिद ने बारामूला सीट पर लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हरा दिया था. वे निर्दलीय सांसद बने. अब विधानसभा चुनाव से पहले वे जेल से बाहर आ गए हैं. इसका विधानसभा चुनाव के गणित पर असर होने की संभावना जताई जा रही है.
इंजीनियर राशिद को आतंकवाद वित्त पोषण केस में मंगलवार को जमानत मिली. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए अदालत ने उनको दो अक्टूबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी. इंजीनियर राशिद एनआईए द्वारा कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम), 1967 अधिनियम (UAPA) के तहत आरोप लगाए जाने के बाद से वह 2019 से जेल में बंद थे. टेरर फंडिंग में उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था. वताली को एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
राशिद ने कश्मीरियों को दिया संदेश
इंजीनियर राशिद जमानत पर छूटने के बाद गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे. वहां उन्होंने कहा, ‘कश्मीर और कश्मीरियों की जीत निश्चित है. पांच अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया फैसला (जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे का समापन) हमें किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है. चाहे हमें जेल में डाल दो या कहीं और भेज दो, हमें पूरा विश्वास है कि हम जीतेंगे.’ राशिद ने कश्मीरियों को यह संदेश भी दिया कि कश्मीर की ताकत कम नहीं हुई है और वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे.
बारामुला विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद को विधानसभा में चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिल गई है. उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव भी जेल में रहते हुए लड़ा था और जीते भी थे. उनका लोकसभा चुनाव जीतना इसलिए ज्यादा अहम माना गया क्योंकि उन्होंने उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पराजित किया था.
राशिद पर बीजेपी के इशारों पर काम करने का आरोप
इस बार इंजीनियर राशिद यानी शेख अब्दुल राशिद का राजनीतिक दल अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. इंजीनियर राशिद का चुनाव लड़ना और जेल से बाहर आ जाना उमर अब्दुल्ला के साथ-साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के लिए भी चिंता का कारण बन गया है. महबूबा मुफ्ती ने अवामी इत्तेहाद पार्टी को बीजेपी की प्रॉक्सी पार्टी कहा है. उन्होंने कहा है कि इंजीनियर राशिद बीजेपी के इशारों पर काम कर रहे हैं. दूसरी तरफ उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि राशिद को जमानत वोटों के लिए मिली है, न कि सांसद के रूप में जनता की सेवा करने के लिए.
उमर अब्दुल्ला बड़गाम और गांदरबल विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. बड़गाम क्षेत्र बारामुला लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है. लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में उमर को राशिद से अधिक वोट मिले थे. विधानसभा चुनाव में राशिद इंजीनियर की मौजूदगी से उमर अब्दुल्ला को सीधे-सीधे नुकसान हो सकता है और महबूबा मुफ्ती को भी राशिद की पार्टी नुकसान पहुंचा सकती है. जम्मू कश्मीर के इन दोनों प्रमुख दलों को अवामी इत्तेहाद पार्टी नुकसान पहुंचाएगी क्योंकि इनका वोट बैंक एक ही है. जब वोटों का बंटवारा होगा तो फायदा स्वाभाविक रूप से बीजेपी को मिलेगा.
राशिद पर हमलावर महबूबा
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती इंजीनियर राशिद पर लगातार हमले कर रही हैं. राशिद को जमानत मिलते ही उन्होंने कहा कि केवल उनकी ही पार्टी कश्मीर मुद्दे के समाधान की पैरवी करती है और जेलों में बंद युवकों की बात करती है. उन्होंने इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी पर भी निशाना साधा.
इंजीनियर राशिद की चुनाव में मौजूदगी से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. दक्षिण कश्मीर के शोपियां विधानसभा क्षेत्र के पीडीपी प्रत्याशी यावर शाफी बांदेय पर कथित रूप से एआईपी कार्यकर्ताओं ने हमला किया जिससे वे घायल हो गए. इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने एआईपी पर बीजेपी का छद्म संगठन होने का आरोप लगाया.
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. वोटिंग 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर तक होगी.
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