झारखंड चुनाव: आदिवासी और आधी आबादी होंगे गेम चेंजर? बढ़ा वोटर टर्नआउट NDA या INDIA किसके लिए गुड न्यूज?​

 आदिवासी रिजर्व 43 में से 20 सीटों पर पिछली बार यानी 2019 विधानसभा चुनाव से 3% तक ज्यादा वोटिंग हुई है. यही वोट तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी. मतदान में आधी आबादी की ज्यादा भागीदारी से ये साफ संकेत मिलता है कि 23 नवंबर को जो भी नतीजे आएंगे, उसमें महिला मतदाताओं की भूमिका ही निर्णायक रहने वाली है.

झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly Elections 2024) की कुल 81 में 43 सीटों पर पहले फेज में वोटिंग हो चुकी है. इनमें अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) की 26 सीटें हैं. वोटिंग 13 नवंबर को हुई थी. कुल 66.18% वोटिंग हुई. पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार वोटर टर्नआउट काफी बढ़ा है. रिजर्व सीटों पर इस बार 77% तक वोट डाले गए. जिन 26 रिजर्व सीटों पर वोटिंग हुई थी. उनमें से 21 सीटें INDIA अलायंस के पास है. झारखंड में INDIA का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) कर रही है. वहीं, 5 रिजर्व सीटें अभी NDA के पास हैं. इन सीटों पर पुरुष मतदाताओं के मुकाबले आदिवासी और महिला मतदाताओं ने ज्यादा वोट किया है. जनरल कैटेगरी की सीटों पर भी महिला वोटर्स ने ज्यादा वोट किया. 

झारखंड में कुल 2.58 करोड़ वोटर्स हैं. इनमें पुरुष वोटरों की संख्या 1.30 करोड़ है, जबकि महिला वोटरों की संख्या 1.27 करोड़ है. आइए समझते हैं कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के पहले फेज में आदिवासी और महिला मतदाताओं का बढ़चढ़कर हिस्सा लेना क्या संकेत दे रहा है? महिलाओं की ज्यादा भागीदारी NDA और INDIA में से किसके लिए गुड न्यूज है और किसके लिए बैड न्यूज:-

चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, पहले फेज की वोटिंग में ST के लिए आरक्षित सीट खरसावां ने रिकार्ड बनाया है. यहां 79.11% वोटिंग हुई. दूसरे नंबर पर घाटशिला है. यहां 75.85% वोट डाले गए. खास बात रही कि आदिवासी रिजर्व 43 में से 20 सीटों पर पिछली बार यानी 2019 विधानसभा चुनाव से 3% तक ज्यादा वोटिंग हुई है. यही वोट तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी. इन सीटों पर महिलाओं ने ज्यादा वोटिंग की है.

मतदान में आधी आबादी की ज्यादा भागीदारी से ये साफ संकेत मिलता है कि 23 नवंबर को जो भी नतीजे आएंगे, उसमें महिला मतदाताओं की भूमिका ही निर्णायक रहने वाली है.

                              झारखंड में पहले फेज की वोटिंग (प्रतिशत में)

पहला फेज20192024मतदान बढ़ाकुल 43 सीटों पर63.966.62.717 सामान्य सीटों पर61.763.82.16 SC सीटों पर62.765.22.520 ST सीटों पर67.170.93.8

2019 के चुनाव में पहले फेज में इन 43 सीटों पर कुल 63.9% वोटिंग हुई थी. इस बार 66.6% मतदान हुआ है. यानी वोटर टर्नआउट में 2.7% का इजाफा हुआ है. 17 जनरल सीटों पर पिछले इलेक्शन में 61.7% वोटिंग हुई थी. इस बार 63.8% मतदान हुआ. यानी वोटिंग पर्सेंटेज में 2.1% की बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह SC के लिए रिजर्व 6 सीटों पर 2019 में 62.7% मतदान हुआ था. लेकिन 2024 के चुनाव में इन 6 सीटों पर 65.2% वोटिंग हुई. यानी वोटर टर्नआउट 2.5% बढ़ गया. 20 ST सीटों पर पिछले इलेक्शन में 67.1% वोटिंग हुई थी. इस बार 70.9% वोटिंग हुई है. इन सीटों पर 3.8% वोटर टर्नआउट बढ़ा है.

                              महिलाओं की कितनी बढ़ी भागीदारी

पहला फेजपुरुष मतदातामहिला मतदाताकितना बढ़ा वोटिंग पर्सेंटकुल 43 सीटों पर64.3%69%4.717 सामान्य सीटों पर61.1%66.6%5.56 SC सीटों पर62.1%68.4%6.320 ST सीटों पर61.1%66.6%5.5

पहले फेज में 43 सीटों पर हुई वोटिंग में कुल 64.3% पुरुष मतदाताओं ने वोट डाला. जबकि इन्हीं सीटों पर कुल 69% महिलाओं ने मतदान किया. इसी तरह 17 सामान्य सीटों पर 66.6% महिला मतदाताओं ने वोटिंग की, जबकि इन सीटों पर 61.1% पुरुष मतदाताओं ने वोट डाला. 6 SC सीटों पर 62.1% पुरुष मतदाताओं ने वोट डाला. वहीं, इन सीटों पर 68.4% महिला मतदाताओं ने वोट डाला है. 20 ST सीटों पर कुल 61.1% पुरुषों ने वोट डाला है. जबकि इन सीटों पर 66.6% महिला वोटर्स ने वोट दिया है.

आदिवासी सीटों पर वोटिंग बढ़ने का क्या है मतलब?
आदिवासी सीटों पर वोटिंग बढ़ने का मतलब है कि उन सीटों पर एंटी इनकंबेंसी ज्यादा है. हालांकि, किसी भी सीट पर 65% से कम वोटिंग नहीं है. इसलिए ये एंटी इनकंबेंसी किस हद तक है ये अभी कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि आदिवासी सीटों पर ज्यादा वोटिंग NDA के लिए गुड न्यूज हो सकती है.

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