झारखंड में हेमंत सरकार के पांच साल: हर परिवार को साल में मिल रही 1 लाख 20 हजार की मदद​

 हेमंत सोरेन सरकार ने कई योजनाओं के जरिए राज्य के जरूरतमंद लोगों तक आर्थिक मदद पहुंचाई हैं. झारखंड सरकार राज्य के हर परिवार तक प्रति महीने औसतन 12 हजार और प्रति वर्ष 1 लाख 20 हजार रुपये का लाभ देने में सफल रही है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में साल 2019 दिसंबर से सत्ता में काबिज महागठबंधन की सरकार को अपनी कुछ कल्याणकारी योजनाओं के लिए याद किया जाएगा. सोरेन सरकार पिछले पांच साल में झारखंड के हर परिवार को प्रति महीने औसतन 12 हजार एवं प्रति वर्ष 1 लाख 20 हजार रुपये का लाभ देने में सफल रही. यह लाभ सरकार की विभिन्न योजनाओं के जरिए उन तक पहुंचा, जिससे इन परिवारों की आर्थिक स्थिति में बदलाव देखने को मिला. मुफ्त बिजली और बकाया बिजली बिल माफी योजना इसकी महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसके जरिए हेमंत सोरेन सरकार ने करीब 40 लाख बिजली उपभोक्ताओं का 36 हजार करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल माफ किया.

अगर औसतन परिवार की बिजली बिल माफी की बात करें, तो प्रत्येक उपभोक्ता का 9 हजार रुपये तक का बिजली माफ हुआ है. हालांकि उपभोक्ताओं के 70 हजार रुपये तक का बकाया बिजली बिल माफ हुआ है. वहीं 200 यूनिट तक मुफ्त बिलजी का उपभोग कर रहे उपभोक्ता को हर माह कम से कम 1000 हजार रुपये की बचत हो रही है. 

जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाई आर्थिक मदद

हेमंत सरकार ने सर्वजन पेंशन योजना, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मंईयां सम्मान योजना के जरिए भी काफी लोकप्रिय रही. इसके तहत एक परिवार में दो बुजुर्ग, दो महिलाएं, दो किशोरियां, दो किशोर हैं, तो बुजुर्ग और महिलाओं के खाते में हर माह 4 हजार रुपये एवं किशोर एवं किशोरियों को प्रति माह कम से कम 5 हजार एवं किशोर के खाते में प्रति माह छात्रवृति के तहत कम से कम 3 हजार की राशि दी गई. अगर पूरे परिवार की बात करें तो कुल 12 हजार से अधिक की राशि परिवार तक पहुंची. 

किसानों का दो लाख रुपये तक का ऋण माफ

इसके अतिरिक्त किसानों का दो लाख रुपये तक का ऋण माफी, सूखा राहत योजना, अबुआ आवास योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, साईकिल वितरण योजना, पलाश ब्रांड, सखी मंडल के जरिए न्यूनतम 22 हजार रुपए का आर्थिक बोझ कम किया गया है.

बुजुर्गों की पेंशन राशि बढ़ाई

वहीं 2019 तक राज्य के कम संख्या में बुजुर्गों को 500 रुपये पेंशन प्राप्त होता था, जिसे बढ़ाकर 1000 हजार रुपये किया गया है. साथ ही पेंशन पाने वालों की सीमित संख्या की बाध्यता को समाप्त किया गया है. किशोरियों और किशोर को मिलने वाली राशि में तीन से चार गुना वृद्धि की गई. इस तरह एक परिवार तक अगर प्रति वर्ष औसतन पहुंच रही राशि की बात करें तो 03 लाख 60 हजार की राशि परिवारों तक पहुंच रही है. ये सभी लाभ सरकार ने लोगों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया और काफी हद तक महागठबंधन की सरकार इस कार्य में सफल भी हुई.

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