December 14, 2024
ट्रंप के हमलावर से 5 फीट दूर था एजेंट, फिर भी 6 बार कैसे चूका निशाना? टास्क फोर्स ने सीक्रेट सर्विस पर उठाए सवाल

ट्रंप के हमलावर से 5 फीट दूर था एजेंट, फिर भी 6 बार कैसे चूका निशाना? टास्क फोर्स ने सीक्रेट सर्विस पर उठाए सवाल​

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हत्या की कोशिश की जांच कर रहे रहे हाउस टास्क फोर्स ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट जारी की.टास्क फोर्स ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के मकसद से कुछ सिफारिशें भी दी हैं. 180 पेज की रिपोर्ट में टास्क फोर्स न ने कहा कि पेंसिल्वेनिया के बटलर में ट्रंप पर हुए पहले हमलों को रोका जा सकता था. लेकिन इसके लिए कारगर उपाय नहीं अपनाए गए. जिसके बाद दूसरी घटना हुई.

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हत्या की कोशिश की जांच कर रहे रहे हाउस टास्क फोर्स ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट जारी की.टास्क फोर्स ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के मकसद से कुछ सिफारिशें भी दी हैं. 180 पेज की रिपोर्ट में टास्क फोर्स न ने कहा कि पेंसिल्वेनिया के बटलर में ट्रंप पर हुए पहले हमलों को रोका जा सकता था. लेकिन इसके लिए कारगर उपाय नहीं अपनाए गए. जिसके बाद दूसरी घटना हुई.

अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर सितंबर में फ्लोरिडा के गोल्फ क्लब में हुए जानलेवा हमले को लेकर नया खुलासा हुआ है. इस हमले की जांच कर रही टास्क फोर्स (Task Force) ने अपनी रिपोर्ट में सीक्रेट सर्विस एजेंट पर सवाल उठाए हैं. टास्क फोर्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस में बदलाव का सुझाव भी दिया है. एक अधिकारी ने दावा किया कि ट्रंप पर हमले के दौरान संदिग्ध रेयान वेस्ली रॉथ झाड़ियों की आड़ में खड़ा था. ट्रंप और हमलावर के बीच की दूरी करीब 300 से 500 मीटर थी. सीक्रेट सर्विस का एक एजेंट संदिग्ध से मात्र 5 फीट की दूरी पर था. उसने संदिग्ध को टारगेट करते हुए फायरिंग की थी. हैरानी वाली बात है कि सीक्रेट एजेंट का निशाना एक या दो बार नहीं, बल्कि 6 बार चूक गया था.

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हत्या की कोशिश की जांच कर रहे रहे हाउस टास्क फोर्स ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट जारी की.
टास्क फोर्स ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के मकसद से कुछ सिफारिशें भी दी हैं.180 पेज की रिपोर्ट में टास्क फोर्स न ने कहा कि पेंसिल्वेनिया के बटलर में ट्रंप पर हुए पहले हमलों को रोका जा सकता था. लेकिन इसके लिए कारगर उपाय नहीं अपनाए गए. जिसके बाद दूसरी घटना हुई. सीक्रेट सर्विस की तमाम नाकामियों ने मिलकर एक ऐसा माहौल तैयार किया, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप और उनके इलेक्शन कैंपेन में शामिल अधिकारी गंभीर खतरे में पड़ गए.”

The Trump Assassination Task Force reveals that the Secret Service Agent who spotted Ryan Routh in the trees at the golf course, opened fire on the suspect and…

MISSED HIM SIX TIMES FROM FIVE FEET AWAY!!

How is that possible? pic.twitter.com/0WVX7NdF9O

— Charlie Kirk (@charliekirk11) December 12, 2024

उस दिन ट्रंप का गोल्फ खेलने का नहीं था प्लान
CNN ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी थी कि हमले के दिन ट्रंप का गोल्फ खेलना पहले से तय नहीं था. इसे आखिर में उनके शेड्यूल में जोड़ा गया था. जब उन पर हमले की कोशिश हुई, उस वक्त ट्रंप के साथ रिपब्लिकन पार्टी के एक डोनर स्टीव विटकॉफ भी थे.

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कौन है रेयान रूथ?
18 सितंबर को गोल्फ क्लब में ट्रंप पर हमला करने वाले संदिग्ध की पहचान 58 वर्षीय रेयान वेस्ले रूथ के रूप में हुई. सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने जब फायरिंग की, तो झाड़ी में छिपा बैठा रेयान रूथ बाहर निकला. वह ब्लैक कलर की कार में बैठकर फरार हो गया. इस दौरान वहां मौजूद एक चश्मदीद ने संदिग्ध की गाड़ी की तस्वीर खींच ली. इसमें मिली नंबर प्लेट के आधार पर सीक्रेट सर्विस ने गाड़ी का पीछा किया. गोल्फ कोर्स से 60 किलोमीटर दूर हाइवे पर संदिग्ध को पकड़ लिया गया. सीक्रेट सर्विस ने मौके से एक AK-47 राइफल, एक स्कोप और एक गोप्रो कैमरा भी बरामद किया था.

आर्मी बैकग्राउंड से नहीं, पर AK-47 चलाने में माहिर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेयान रूथ नॉर्थ कैरोलिना ग्रीन्सबोरो इलाके का रहने वाला है. पहले वह कंस्ट्रक्शन वर्कर था. उसका कोई आर्मी बैकग्राउंड नहीं है. फिर भी उसे AK-47 चलाना आता है. उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में आर्मी में शामिल होने की इच्छा भी जताई है. रूथ ने रूस के यूक्रेन हमले के बाद यूक्रेन की तरफ से जंग लड़ने की इच्छा जाहिर की थी. अपने सोशल मीडिया बायो में रूथ ने लिखा है कि ‘नागरिकों को युद्ध को बदलना चाहिए और भविष्य के युद्धों को रोकना चाहिए.’

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2002 में हथियार के मामले में हुई थी गिरफ्तारी
साल 2002 में रूथ को गिरफ्तार भी किया गया था. उसपर ऑटोमेटेड हथियार के साथ खुद को एक बिल्डिंग में लॉक करने का आरोप था. हालांकि, इस केस के बारे में ज्यादा डिटेल पब्लिक डोमेन में नहीं है.

13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में भी ट्रंप पर चली थी गोली
इसी साल 13 जुलाई को अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर फायरिंग हुई थी, इसमें एक गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी. हमलावर की पहचान 20 साल के युवक थॉमस क्रूक्स के तौर पर हुई थी. उसने 8 गोलियां चलाई थीं. फायरिंग के तुरंत बाद सीक्रेट सर्विस के अफसरों ने हमलावर को मार गिराया था.

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