दिल्ली-एनसीआर में अब तक कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी है. उत्तराखंड के निचले इलाकों में अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है. मौसम की ये चाल बिगड़ने के पीछे क्लाइमेंट चेंज जिम्मेदार है. हाल ही में वन क्षेत्र को लेकर आई रिपोर्ट भी इस ओर ही संकेत करती है.
23 दिसंबर… साल का आखिरी महीना खत्म होने जा रहा है और दिल्ली-एनसीआर में आज सर्दियों के मौसम की पहली बारिश हुई है. हल्की बूंदा-बांदी से मौसम में ठंडक कुछ बढ़ी है. लेकिन साल के इस महीने में जैसे कड़ाके की ठंड पड़नी चाहिए, उसका अभी तक इंतजार है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में ठंड बढ़ेगी. लेकिन मौसम अगर अपनी सही चाल से चलता, तो अभी तक लोगों के दांत किटकिटाने लगते, जगह-जगह अलाव नजर आती, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है. ये क्लाइमेट चेंज का परिणाम है, जिसका असर देशभर के मौसम पर देखने को मिल रहा है. देश के ऐसे राज्यों से वन क्षेत्र कम हो रहे हैं, जो बारिश और बर्फबारी के लिए जिम्मेदार हैं. स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट (एसओएफआर) 2023 ने खुलासा किया है कि भारत में वन क्षेत्र और वृक्षावरण (ट्री कवर) उसके कुल क्षेत्रफल बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कुछ राज्यों में वन क्षेत्र घटा है.
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कई राज्यों में वनक्षेत्र में आई गिरावट
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि 2021 की तुलना में देश के कुल वन एवं वृक्ष क्षेत्र में 1,445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है. इसमें कुल भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र है. वर्तमान आकलन के अनुसार, देश में कुल वन एवं वृक्ष क्षेत्र 8,27,357 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र लगभग 7,15,343 वर्ग किलोमीटर (21.76 प्रतिशत) है, जबकि वृक्ष क्षेत्र 1,12,014 वर्ग किलोमीटर (3.41 प्रतिशत) है. क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे अधिक वन क्षेत्र वाले शीर्ष तीन राज्य मध्य प्रदेश (77,073 वर्ग किमी) हैं, उसके बाद अरुणाचल प्रदेश (65,882 वर्ग किमी) और छत्तीसगढ़ (55,812 वर्ग किमी) हैं. लेकिन कई राज्यों में वन क्षेत्र में कमी देखने को मिली है.
त्रिपुरा में 95.3 वर्ग किमी का सबसे बड़ा नुकसान दर्ज किया गया, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश (-91 वर्ग किमी), असम (-79 वर्ग किमी), मणिपुर (-54.8 वर्ग किमी), नागालैंड (-51.9 वर्ग किमी), मेघालय (-30 वर्ग किमी) का स्थान है। किमी), उत्तराखंड (-22 वर्ग किमी) और पश्चिम बंगाल (-2.4 वर्ग किमी)। आईएसएफआर आगे दर्शाता है कि उत्तराखंड में 22.9 वर्ग किमी की गिरावट में कॉर्बेट, राजाजी और केदारनाथ वन प्रभागों के वन क्षेत्र के अलावा अन्य 21 वन प्रभाग शामिल हैं, जहां दो वर्षों में वन क्षेत्र में गिरावट देखी गई है.
दिल्ली में अब बढ़ेगी ठंड, IMD ने चेताया
आईएमडी ने दिल्ली में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में 23 दिसंबर को मध्यम कोहरा रहेगा. दिल्ली में मध्यम कोहरे की स्थिति 23 से 25 दिसंबर के बीच बनी रहेगी. हालांकि, 26 और 27 दिसंबर के लिए बारिश की संभावना जताई गई है. जिससे दिल्ली-एनसीआर में ठंड और भी बढ़ सकती है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से एक डिग्री कम है. आईएमडी ने बताया कि अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है.
दिल्ली में अब जाकर महसूस हुई ठिठुरन
दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह लगभग 6 बजे के आसपास हल्की बूंदाबांदी हुई. इसके बाद शीतलहर और कोहरे की चादर ने ठिठुरन का अहसास कराया. दिल्ली के अलावा, आज सोनीपत, हिसार और सिरसा में भी बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले कुछ दिनों में शीतलहर लोगों को और ठिठुरन का झटका देगी उधर, हिमाचल प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में शीतलहर के कारण स्थानीय मौसम विभाग को रविवार को बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी करना पड़ा, जबकि कश्मीर में तापमान अब भी शून्य से नीचे है. हिमाचल प्रदेश में, ताबो शून्य से 11.6 डिग्री नीचे तापमान के साथ सबसे सर्द स्थान रहा, जबकि सुमडो, कुसुमसेरी और कल्पा में तापमान क्रमश: शून्य से 5.3 डिग्री नीचे, शून्य से 4.8 डिग्री नीचे और शून्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.
पहाड़ी इलाकों में बर्फ की मोटी परत…
मौसम केंद्र ने 24 से 26 दिसंबर तक मंडी में भाखड़ा बांध जलाशय क्षेत्र और बल्ह घाटी के कुछ हिस्सों में घने कोहरे के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. इस दौरान निचली पहाड़ियों में अलग-अलग स्थानों पर बर्फ की मोटी परत जमी हुई देखी जा सकती है. ऊंचाई वाले आदिवासी इलाकों और पहाड़ी दर्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जहां पारा हिमांक बिंदु से 14-18 डिग्री नीचे बना हुआ है. मध्य एवं ऊंची पहाड़ियों में कई स्थानों पर पाइपों में पानी जम गया , साथ ही झरने और छोटी नदियों में भी पानी जम गया जिससे पानी का बहाव कम हो गया और जल विद्युत उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ.
IMD का येलो अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत के प्रमुख स्थानों में अगले 5-7 दिनों तक शीत लहर की स्थिति बने रहने की आशंका है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले छह दिनों तक जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी. राजस्थान और पंजाब में भी दो दिनों तक सर्दी का सितम जारी रहेगा, यहां भी शीत लहर को लेकर चेतावनी दी गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीत लहर के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में अगले छह दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में शनिवार (21 दिसंबर) का दिन काफी ठंडा रहेगा. आईएमडी के मुताबिक, बाद में उत्तर-पश्चिम भारत में शीत लहर का प्रभाव कम होगा, लेकिन 23 दिसंबर से पंजाब और हरियाणा में भीषण कोहरे का असर देखने को मिल सकता है. इन दोनों ही राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
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