Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. पिछले लंबे समय से केंद्रीय बजट हर साल 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2025-26 का बजट पेश करने के लिए तैयार हैं, और सभी की नजरें विशेष रूप से मिडिल क्लास को मिलने वाली कर राहत पर टिकी हुई हैं. इस बार का बजट भी पिछले तीन सालों की तरह पेपरलेस होगा. वित्त मंत्री ने 2019 में पारंपरिक बही-खाता का इस्तेमाल करते हुए बजट दस्तावेज़ों को पेश करने का तरीका बदला था, और इस बार भी उम्मीद है कि सरकार नए तरीके से बजट पेश करेगी.
यह मोदी 3.0 सरकार का दूसरा बजट होगा, जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए देश के विकास की दिशा तय करेगी.
राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit):
चालू वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी.
पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure):
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 11.1 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय तय किया था. हालांकि, लोकसभा चुनावों के कारण सरकारी खर्च धीमा पड़ा, लेकिन 2025-26 में उम्मीद है कि पूंजीगत व्यय की रफ्तार जारी रहेगी.
ऋण की स्थिति (Debt Situation):
वित्त मंत्री ने 2024-25 के बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 से आगे राजकोषीय घाटे को जीडीपी के प्रतिशत के रूप में लगातार कम किया जाएगा. इस बार बाजार की ऋण समेकन पर भी नजर रहेगी. 2024 में सामान्य सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात 85 प्रतिशत था, जिसमें केंद्र सरकार का ऋण 57 प्रतिशत है.
उधारी (Borrowing):
सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में सकल उधारी 14.01 लाख करोड़ रुपये तय की थी. 2025-26 में उधारी संख्या पर बाजार की निगाहें रहेंगी, क्योंकि सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए बाजार से उधार लेती है.
कर राजस्व (Tax Revenue):
2024-25 के बजट में सकल कर राजस्व 38.40 लाख करोड़ रुपये का अनुमान था, जो 2023-24 से 11.72 प्रतिशत अधिक था. इसमें डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स से 16.33 लाख करोड़ रुपये का राजस्व शामिल था.
जीएसटी (GST):
2024-25 के बजट में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह 11 प्रतिशत बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान था. 2025-26 के बजट में जीएसटी राजस्व पर नजर रहेगी, क्योंकि पिछले तीन महीनों में इसकी वृद्धि धीमी रही है.
जीडीपी (GDP ):
चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें वास्तविक जीडीपी 6.4 प्रतिशत रहने की संभावना है.
इस साल के बजट पर सरकार की अन्य योजनाओं, जैसे आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से लाभांश की आय पर भी बाजार की नजर रहेगी.
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