अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह उन देशों के साथ व्यापार नहीं करेंगे जो अपने प्रवासियों को वापस लेने से इनकार करते हैं. चीनी व्यापारिक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और पाकिस्तान में 1 अरब डॉलर का निवेश कर एक मेडिकल सिटी स्थापित करने की तैयारी में है. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वह उन देशों के साथ व्यापार नहीं करेंगे जो अपने प्रवासियों को वापस लेने से इनकार करते हैं. टाइम मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि मैं उन्हें उनके देश भेजूंगा. टाइम मैगजीन ने ट्रंप को दूसरी बार पर्सन ऑफ द ईयर चुना है. ट्रंप ने कहा कि मैं चाहता हूं कि वे (प्रवासी) यहां से बाहर जाएं और उन देशों को उन्हें वापस लेना ही होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम उन देशों के साथ व्यापार बंद कर देंगे और उन पर भारी टैरिफ लगाएंगे.अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि ईरान समर्थित फिलिस्तीनी समूह हमास के हमले से शुरू हुए 14 महीने से अधिक समय तक चले युद्ध के बाद इज़रायल और अधिक मजबूत बनकर उभरा है. सुलिवन ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमास कभी भी इज़रायल को 7 अक्टूबर जैसी धमकी न दे सके.पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौजूदा सरकार पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर नाराजगी जाहिर की. इमरान खान ने एक्स पर लिखा, ‘जैसे जलियांवाला बाग हत्याकांड को आज तक भुलाया नहीं जा सका, वैसे ही इस्लामाबाद हत्याकांड को भी हम और जनता कभी नहीं भूलेंगे. सौ साल बाद भी लोग जनरल डायर द्वारा किए गए हत्याकांड को याद करते हैं. इस्लामाबाद हत्याकांड के सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं. ये सबूत छुपाए नहीं जा सकते.’चीनी व्यापारिक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और पाकिस्तान में 1 अरब डॉलर का निवेश कर एक मेडिकल सिटी स्थापित करने में रुचि व्यक्त की है. पाकिस्तान और चीन के बीच लंबे समय से घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंध रहे हैं। चीन ने कई निवेश और विकास परियोजनाओं के माध्यम से पाकिस्तान का समर्थन किया है, जिनमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जिसे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा कहा जाता है.अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने पदभार ग्रहण करने वाले हैं, और इसके साथ ही कड़ी आव्रजन नीतियां लागू होने की तैयारी शुरू हो गई है. अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार, 14.5 लाख लोगों को निर्वासन के लिए चिह्नित किया गया है. इनमें 18,000 अवैध भारतीय प्रवासी भी शामिल हैं.
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