बाबा सिद्दीकी नहीं मिलते तो जीशान को मार देते… लॉरेंस गैंग के प्लान बी के नये खुलासे​

 Baba Siddiqui Murder Case: बाबा सिद्दीकी के मर्डर के लिए न सिर्फ बड़े लेवल की प्लानिंग की गई थी, बल्कि पैसा भी पानी की तरह बहाया गया. जानिए नये खुलासे…

Baba Siddiqui Murder Case: बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui) का मर्डर जितना चौंकाने वाला था उतना ही चौंकाने वाला इस केस में हो रहे खुलासे हैं. मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस की तरफ से बताया गया है कि बाबा सिद्दीकी पर छह गोलियां दागने का आरोपी शिवकुमार गौतम घटना स्थल से उस दिन भागा नहीं था, बल्कि दूसरी टीशर्ट पहनकर वहीं घटनास्थल के पास भीड़ में डेढ़ घंटे तक घूमता रहा. उसके साथ गोली मारने के लिए आए दो अन्य आरोपी धर्मपाल कश्यप और गुरमैल सिंह उसके सामने ही पकड़े गए और वो सब कुछ अपनी आंखों से देख रहा था.यूपी एसटीएफ की मदद से क्राइम ब्रांच ने बहराइच से शिवकुमार गौतम समेत पांच आरोपियों को पकड़ कर मुंबई के किल्ला कोर्ट में पेश किया तो अदालत ने उन्हें 19 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. 

इतने रुपये मिलने थे शूटर को

20 साल का शिवकुमार अपने साथियों के साथ नेपाल भागने की फिराक में था. उसने बताया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे मुख्य वजह बॉलीवुड से गुंडा टैक्स की वसूली के लिए दबाव बनाना था. उसे हत्या के लिए 10 लाख रुपये कैश और हर महीने कुछ रकम देने का वादा लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के भाई अनमोल बिश्नोई (Anmol Bishnoi) ने किया था. अनमोल ने उसे कहा था कि अगर बाबा सिद्दीकी न मिले तो जीशान (Zeeshan Siddiqui) को उड़ा देना. 

लॉरेंस का प्लान बी

पुलिस को पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग इस मामले में सिर्फ शिवकुमार एंड कंपनी पर ही आश्रित नहीं था. बल्कि उसने एक प्लान बी भी तैयार कर रखा था, जिसमें शूटर्स को एके 47 राइफल देकर झारखंड के नक्सलग्रस्त इलाके में शूटिंग का अभ्यास कराया गया था. इसके लिए 6 शूटर्स की एक टीम बनाई गई थी. गौरव विलास को मुख्य शूटर बनाया गया था.गौरव विलास पहले ही पुणे से गिरफ्तार हो चुका है. इसके साथ ही रुपेश मोहोल प्लानिंग का हिस्सा था.इन दोनों को लॉरेंस गैंग 28 जुलाई 2024 को झारखंड ले गया था. 29 को फिर दोनों वहां से पुणे लौट आए. इन्हें 25-25 लाख रुपये कैश, एक-एक फ्लैट, एक-एक कार और दुबई घुमाने का लालच दिया गया था. शिवकुमार की तरह  शुभम लोनकर ही इनके भी संपर्क में था. अब तक पुलिस झारखंड के उस स्थान तक नहीं पहुंच पाई है, जहां इन्होंने फायरिंग की थी. इनके पास से 5 पिस्तौल और 64 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.

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