जौनपुर में मुसलमान परिवारों ने अपने नाम के आगे हिंदू सरनेम लगा लिया है. उन्होंने दावा किया है कि उनके पूर्वज हिन्दू ब्राह्मण परिवार से रहे हैं. (राजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
उत्तर प्रदेश जौनपुर का डेहरी गांव इन दिनों सुर्खियों में है. वजह है गांव से जुड़े हुए कई लोग हैं. अपने पुरखों की याद आने पर मुस्लिम नाम के आगे हिन्दू नाम का सरनेम दुबे लिखकर अपने पूर्वजों से नाता जोड़ लिया है. सभी बड़े ही गर्व से कहते हैं कि हम कहीं और के नहीं हैं, यही भारत के रहने वाले हैं. हमारे पूर्वज हिन्दू ब्राह्मण परिवार से रहे हैं.
जौनपुर जिले के केराकत तहसील के डेहरी गांव मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 2 साल पहले अपनी पूर्वजों की तलाश करनी शुरू कर दी. घर मे रखे कागजात और बड़े बुजुर्गों से पता चला कि नौशाद अहमद के पूर्वज ब्राह्मण जाति से उनके आठ पीढ़ी पूर्व लालबहादुर दुबे थे, जिन्होंने ने मुस्लिम धर्म अपना कर लाल मोहम्मद हो गए थे. जानकारी होने के बाद नौशाद ने अब अपना पूरा नाम नौशाद अहमद दुबे लिखने लगे हैं. हालांकि, नौशाद को छोड़कर घर के किसी अन्य सदस्य ने अपना सर ने चेंज नहीं किया है.
वहीं हाल शेख अब्दुल्ला का भी है, जो अब शेख अब्दुल्ला दुबे हैं. नौशाद ने अपने की शादी के कार्ड हिंदी में छपवाया है, जिस पर अपने नाम के आगे दुबे लिखा है. नौशाद ने बताया कि सरकारी दस्तावेजों में भी अपने नाम के लिखवाने की बात कही है.
नौशाद अहमद दुबे का कहना है कि हम लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ेंगे तो हमारा सौहार्द बढ़ेगा जिससे देश मजबूत होगा. इसलिए हम लोगों से कह रहे हैं कि अपने जड़ों को पता करिए और जड़ों के टाइटल को अपनाइए ये शेख, पठान, मिर्जा, सैयद हमारा भारतीय टाईटिल नहीं है. ये विदेशियों द्वारा लाया गया टाईटिल है.
नौशाद की इस पहल का ग्रामप्रधान समेत तमाम लोगो ने स्वागत किया हैं. वहीं, कई लोग नाराज हो गए है. वे लोग नौशाद को धमकी दे रहे हैं.
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