भारत में रोज़गार के अवसरों की कमी नहीं है. जरूरत ऐसी शिक्षा देने की है कि छात्र इन अवसरों के लिए तैयार हो सकें. यह बात विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी किया. उन्होंने याद दिलाया कि नई शिक्षा नीति में छठी के बाद ही छात्रों को कोई न कोई हुनर सिखाने की बात है.
भारत में रोज़गार के अवसरों की कमी नहीं है. जरूरत ऐसी शिक्षा देने की है कि छात्र इन अवसरों के लिए तैयार हो सकें. यह बात विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट में सामने आई है, जिसे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जारी किया. उन्होंने याद दिलाया कि नई शिक्षा नीति में छठी के बाद ही छात्रों को कोई न कोई हुनर सिखाने की बात है.
भारत में जरूरत ऐसी शिक्षा की है जो छात्रों को रोज़गार के लायक बनाए.यह बात शुक्रवार को जारी की गई वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ‘जॉब्स एट योर डोर स्टेप’ में कही गई है. छह राज्यों के सर्वे के बाद तैयार की गई यह रिपोर्ट शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने जारी की.
वर्ल्ड बैंक ने स्किल बेस्ड एजुकेशन सिस्टम पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जॉब्स एट योर डोर स्टेप जारी की है. भारत के लिए इसके क्या मायने हैं. भारत सरकार के लिए यह कितनी महत्वपूर्ण है और देश में स्कूल सिस्टम में किस तरह से स्किल बेस्ड ट्रेनिंग बच्चों के लिए आगे बढ़ाई जा सकती है?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनडीटीवी से कहा कि, माननीय प्रधानमंत्री जी दूर का सोचते हैं. उन्होंने देश के अंदर एक मोमेंटम लाने के लिए पिछले 10 साल से एक कंटीन्यूअस रिफॉर्मिस्ट गवर्नेंस मॉडल डेवलप किया. वर्ल्ड बैंक के साथ हमारा कुछ प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. वर्ल्ड बैंक ने उन्हीं इलाकों में इसका इम्पैक्ट क्या आया है, छह राज्यों में कुछ चुनिंदा जिलों को उन्होंने एक सैंपल लेकर एक पैन इंडियन रिक्वायरमेंट के बारे में इंडिकेशन दिया है, जो हमारी आवश्यकता भी है, एनईपी की रिकमेंडेशन भी है. और हमारा जो रोडमैप आने वाले 25 साल में बनने वाला है, अमृत काल में, उसी में प्रधानमंत्री जी एक एंबिशन रखते हैं कि भारत को दुनिया की स्किल हब बनाना है. भारत दुनिया का ग्रोथ इंजन बनेगा. इंडिया लेड इकोनॉमिक मॉडल बनने वाला है. उस समय में इस प्रकार की रिपोर्ट निश्चित रूप में एक नए थॉट प्रोसेस को, पुराने आइडियाज को रि-एप्रोप्रिएट करके नया एप्रोच से ले जाने में निश्चित रूप में मदद करेगी.
वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में रोज़गार की कमी नहीं है. रोज़गार के अवसर बहुत सारे हैं, जरूरत ऐसे स्कूलों की है जो मैच मेकर बन सकें, यानी छात्रों को उद्योगों के लायक बनाएं. ये रिपोर्ट छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान के अध्ययन के बाद तैयार की गई है. इसमें नौ महीने का समय लगा है.
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए उन्हें स्कूल में स्किल ट्रेनिंग देने पर उनको रोजगार मिल सकते हैं. इस बारे में वर्ल्ड बैंक की मुख्य शिक्षा विशेषज्ञ शबनम सिन्हा ने एनडीटीवी से कहा कि, एक बार उनको रोजगार मिल गया, जो उनके घर के पास ही होगा तो बाद में वे इतनी सक्षम हो जाएंगी की वे बाहर भी जा सकती हैं और बड़े काम भी कर सकती हैं. जरूरी कदम यह है कि कहीं से शुरुआत हो.
इस अवसर पर वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर अगस्तो कुआमी ने एनडीटीवी से कहा कि भारत में क्षमता की कमी नहीं जरूरत उसके समुचित इस्तेमाल की है और भारत को अगर 2047 तक विकसित देश बनना है तो अगले 23 साल तक हर साल आठ फीसदी की विकास दर से आगे बढ़ना होगा. भारत के पास एक बड़ा लेबर फोर्स है जो सबसे महत्वपूर्ण एसेट है.
भारत की बड़ी आबादी और भारत में शिक्षा के अवसर, ये दो बातें हैं जो भारत की बड़ी ताकत हैं. 2047 तक विकसित देशों की कतार में भारत को खड़ा करने के लिए जिस विकास दर की जरूरत है वो अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करके ही संभव होगा. वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट भी इसी ओर इशारा करती है.
NDTV India – Latest
More Stories
Mumbai Election Result LIVE: कौन जीत रहा मुंबई, 36 सीटों का हर रुझान और नतीजा आपको मिलेगा यहां, वोटों की गिनती शुरू
असली शिवसेना की जंग LIVE: उद्धव या फिर शिंदे, देखें आमने-सामने की टक्कर वाली सीटों का रिजल्ट
Maharashtra Assembly Election Results Live: महाराष्ट्र में कौन बना रहा है लीड और कौन हो रहा है नतीजों की रेस में पीछे, जानें हर अपडेट