महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के दो दिन बाद भी महायुति यह फैसला नहीं कर सकी है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सबसे आगे देखे जा रहे हैं. फडणवीस सोमवार शाम को दिल्ली पहुंचे, जिसके बाद यह अनुमान लगाया गया कि वह मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को सुलझाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक करने आए हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले पर किसी बैठक की योजना नहीं बनाई गई है और वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में हैं.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मंगलवार को मुंबई की संभावित यात्रा से पहले फडणवीस के आज रात मुंबई लौटने की उम्मीद है.
परिणाम के दो दिन बाद भी घोषणा नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के दो दिन बाद भी राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस बड़े सवाल को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है.
फड़णवीस को इस पद के लिए सबसे आगे देखा जा रहा है. वहीं सहयोगी शिवसेना चाहती है कि उसके प्रमुख एकनाथ शिंदे शीर्ष पद पर बने रहें. नेताओं का कहना है कि वह इस पद के हकदार हैं, क्योंकि यह उनकी सरकार की कल्याणकारी परियोजनाएं ही हैं, जिन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को व्यापक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है.
शिवसेना ने दिया बिहार मॉडल का हवाला
शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने “बिहार मॉडल” का हवाला देते हुए कहा कि शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए. बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “हमारा मानना है कि शिंदे को बिहार की तरह ही मुख्यमंत्री होना चाहिए, जहां भाजपा ने संख्या को नहीं देखा, लेकिन फिर भी जदयू नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया. महायुति के वरिष्ठ नेता निर्णय लेंगे.”
वहीं शिवसेना विधायकों की बैठक में शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर नारे लगे थे.
इस तरह फडणवीस के पक्ष में हो सकता है फैसला
सूत्रों ने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का समर्थन कर सकती है, जिससे पलड़ा भाजपा के पक्ष में झुक जाएगा.
नतीजे घोषित होने के बाद से सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल तीनों दलों के नेताओं ने कहा है कि वे एक साथ बैठेंगे और इस मुद्दे पर फैसला करेंगे. फडणवीस ने चुनाव के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में भी माहौल को हल्का करते हुए कहा था कि वे रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-अठावले के प्रमुख रामदास अठावले सहित सभी सहयोगियों से परामर्श करेंगे, जिन्होंने भाजपा के झंडे के नीचे एक सीट पर चुनाव लड़ा और हार गए.
फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा ने पार्टी के लिए अब तक की सबसे अधिक 132 सीटें जीती हैं, जबकि शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को 57 सीटें मिली हैं. एनसीपी के अजित पवार गुट ने 41 सीटें जीती हैं. इसके साथ ही सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति का स्कोर राज्य की 288 सीटों में से 230 तक पहुंच गया है.
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