मुंद्रा पोर्ट की सिल्वर जुबली पर स्मारक डाक टिकट जारी, गौतम अदाणी बोले- चुनौतियों से भरा रहा सफर​

 इंडिया पोस्ट द्वारा जारी, स्मारक टिकट को शीर्षक दिया गया है “प्रगति के 25 वर्ष – मुंद्रा पोर्ट”. इसमें मुंद्रा पोर्ट का एक दृश्यात्मक वर्णन भी है.

देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बंदरगाह मुंद्रा पोर्ट्स ने परिचालन के 25 साल पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर बुधवार को एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया. अदाणी समूह ने बताया कि अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) के अधीनस्थ मुंद्रा पोर्ट का यह स्मारक डाक टिकट विश्व डाक दिवस के मौके पर आज जारी किया गया. यह पिछले 25 साल में इस बंदरगाह के वैश्विक समुद्री व्यापार का पावर हाउस बनने की यात्रा और उसके उल्लेखनीय सामाजिक-आर्थिक योगदान को रेखांकित करता है.

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने अदाणी एंटरप्राइजेज (एईएल) के प्रबंध निदेशक राजेश अदाणी और एपीएसईजेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी की मौजूदगी में डाक टिकट जारी किये.

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मुंद्रा पोर्ट के 25 साल पूरे होने पर स्मारक डाक टिकट जारी करने के लिए शुक्रिया भूपेंद्र भाई पटेल. 1998 में एक छोटी सी जैटी से लेकर दुनिया के अहम बंदरगाह तक का सफर चुनौतियों से भरा हुआ था. मुंद्रा पोर्ट की तरक्की गुजरात और इसके लोगों के साथ हमारे विश्वास की भागीदारी की प्रतीक है.”

Thank you, Hon’ble @CMOGuj Bhupendrabhai Patel, for releasing a commemorative stamp to celebrate 25 years of Mundra Port. Its journey from a tiny jetty in 1998 to one of the world’s leading ports today has not been without its challenges. Mundra Port’s growth symbolises our… https://t.co/16yniZrslw pic.twitter.com/fKmB1CsI3D

— Gautam Adani (@gautam_adani) October 9, 2024

करण अदाणी ने कहा, “यह स्मारक डाक टिकट न केवल मुंद्रा पोर्ट की विरासत का, बल्कि गुजरात के लोगों के साथ हमारे विश्वास की साझेदारी और राज्य सरकार की सहायक नीतियों का भी प्रतिनिधित्व करता है.”

उन्होंने कहा, “एक साथ मिलकर, हमने एक विशाल बंजर भूमि को देश के सबसे बड़े बंदरगाह में बदल दिया है, जो आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और हमारे लोगों के लिए अवसर पैदा करने की हमारी विनम्र प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. साथ ही वैश्विक व्यापार में अग्रणी बनने की भारत की महत्वाकांक्षा का समर्थन भी करता है.”

इंडिया पोस्ट द्वारा जारी, स्मारक टिकट को शीर्षक दिया गया है “प्रगति के 25 वर्ष – मुंद्रा पोर्ट”. इसमें मुंद्रा पोर्ट का एक दृश्यात्मक वर्णन भी है.

स्टाम्प शीट, जिसमें 12 टिकटें हैं, को एपीएसईजेड के सहयोग से इंडिया पोस्ट द्वारा डिजाइन किया गया था. टिकट इंडिया पोस्ट के ई-पोर्टल के माध्यम से खरीदने के लिए उपलब्ध होंगे.

बुनियादी ढांचे के दूरदर्शी गौतम अदाणी द्वारा विकसित मुंद्रा पोर्ट तेजी से एक प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बन गया है. यह बंदरगाह एक जेट्टी से एक वैश्विक शिपिंग केंद्र के रूप में विकसित हुआ है, जो भारत को दुनिया से जोड़ता है और साथ ही देश के भीतरी इलाकों के एक बड़े हिस्से के लिए भी मालों की आवाजाही सुनिश्चित करता है.

साल 1998 के बाद से इस बंदरगाह ने राज्य और देश के खजाने में 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है, 7.5 करोड़ से अधिक मानव-दिवस रोजगार पैदा किया है और 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है.

मुंद्रा पोर्ट अब देश के लगभग 11 प्रतिशत समुद्री माल और 33 प्रतिशत कंटेनर यातायात का परिचालन करता है. कंपनी ने कहा, “अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से बंदरगाह की सामुदायिक सहायता पहल 61 गांवों तक पहुंच गई है, जिससे 3.5 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं.

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