मोबाइल टॉवरों के रिमोट रेडियो यूनिट चुराने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, 6 गिरफ्तार​

 सेंट्रल रेंज साइबर सेल और अपराध शाखा की टीमों ने छह चोरों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने इसके साथ दिल्ली, एनसीआर और असम में विभिन्न स्थानों पर स्थापित मोबाइल टावरों से आरआरयू (Remote Radio Units) की चोरी में शामिल चोरों के एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों पर स्थापित मोबाइल टावरों पर विभिन्न दूरसंचार कंपनियों द्वारा स्थापित कुल 130 आरआरयू को उनकी निशानदेही से बरामद किया गया है. यह यूनिट चोरों ने विदेशों में निर्यात करने के लिए जमा किए थे. 

सेंट्रल रेंज साइबर सेल और अपराध शाखा की टीमों ने छह चोरों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने इसके साथ दिल्ली, एनसीआर और असम में विभिन्न स्थानों पर स्थापित मोबाइल टावरों से आरआरयू (Remote Radio Units) की चोरी में शामिल चोरों के एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों पर स्थापित मोबाइल टावरों पर विभिन्न दूरसंचार कंपनियों द्वारा स्थापित कुल 130 आरआरयू को उनकी निशानदेही से बरामद किया गया है. यह यूनिट चोरों ने विदेशों में निर्यात करने के लिए जमा किए थे.  

रिमोट रेडियो यूनिट (RRU) को आम तौर पर रिमोट रेडियो हेड (RRH) के रूप में जाना जाता है. एक ट्रांसीवर वायरलेस बेस स्टेशनों पर होता है. ट्रांसीवर वायरलेस डिवाइस को वायरलेस नेटवर्क से जोड़ते हैं, जिससे अन्य चीजों के अलावा टेक्स्ट संदेश भेजना और प्राप्त करना संभव हो जाता है.

ऑपरेशन 1 : क्राइम ब्रांच की  टीम ने एक सूचना पर एनएच-9, अक्षरधाम मंदिर से पांडव नगर की ओर जाने वाली सड़क पर जाल बिछाया और तीन लोगों को पकड़ा. उनमें से एक के पास एक बैग था. बैग की जांच करने पर उसमें एक आरआरयू पाया गया और सत्यापन करने पर इसकी चोरी की पुष्टि हुई. इस मामले में आरोपियों की पहचान यूपी के मेरठ निवासी आदिल (25 वर्ष), सादिक (21 वर्ष) और अदनान (22 वर्ष) के रूप में हुई.  

कई राज्यों में कीं वारदातें

आरोपियों ने पूछताछ में दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों पर स्थापित मोबाइल टावरों से आरआरयू की चोरी के बारे में खुलासा किया. इसके अलावा, उनकी निशानदेही पर, दिल्ली के पांडव नगर इलाके में स्थित एक गोदाम से 126 आरआरयू बरामद किए गए.  उनमें से अब तक 43 आरआरयू को दिल्ली और अन्य राज्यों (दिल्ली -16, यूपी -01, असम -20, बिहार -02, झारखंड -02 और पश्चिम बंगाल -02) के विभिन्न पुलिस स्टेशनों से चोरी होने की सूचना मिली है. उन्होंने विदेशों में निर्यात करने के लिए चोरी की आरआरयू की इतनी बड़ी खेप जमा की थी.

आरोपियों की निशानदेही पर आरआरयू के अलावा टूल किट भी बरामद किए गए हैं, जिनकी मदद से वे मोबाइल टावरों से आरआरयू को खोलते और हटाते थे.   

ऑपरेशन 2: गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए साइबर सेल क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा जाफराबाद, दिल्ली में छापेमारी की गई. आरोपी मोहम्मद अनस और मोहम्मद मशकूर को 2 आरआरयू के साथ पकड़ा गया.

मेरठ के स्क्रैप डीलर बन गए चोर

ऑपरेशन 3: गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए साइबर सेल क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा छापेमारी की गई और आरोपी फरहान को स्कूटी के साथ पकड़ा गया. जांच के बाद उसके पास से टेलीकॉम नेटवर्क टॉवर के आरआरयू को तोड़ने के लिए इस्तेमाल किए गए उपकरण बरामद किए गए.

​आरोपी आदिल, सादिक और अदनान पहले यूपी के मेरठ में स्क्रैप डीलर का काम करते थे. आरोपी आदिल और सादिक सगे भाई हैं. वे विभिन्न देशों में आरआरयू की उच्च लागत और मांग के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं. इसलिए आदिल ने अपने भाई सादिक और अदनान को साथ लेकर एक गिरोह बनाया और मोबाइल टावरों से आरआरयू की चोरी करना शुरू कर दिया.

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