रतन टाटा की 10, 000 करोड़ की संपत्ति में शांतनु नायडू को क्या मिला? प्यारे डॉग को भी नहीं भूले​

 टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने अपनी 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति में शांतनु नायडू को भी हिस्सेदारी दी है. साथ ही अपने हाउस स्टाफ से जुड़े लोगों का भी ख्याल वसीयत बनाते समय रखा है.

देश के जाने माने बिजनेसमैन रतन टाटा का हाल ही में निधन हो गया था. बिजनेसमैन रतन टाटा के निधन के बाद लोगों के दिलों में यही सवाल आ रहा था कि आखिर उनके जाने के बाद अब उनकी 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति किसे मिलने जा रही है. रतन टाटा की वसीयत अब सामने आ गई है. रतन टाटा ने अपने से जुड़े कई लोगों को संपत्ति का हिस्सेदार बनाया है. TOI में छपी खबर के अनुसार रतन टाटा ने अपनी संपत्ति में भाई जिमी टाटा, सौतेली बहन शिरीन और डिएना जीजीभॉय,  हाउस स्टाफ से जुड़े कुछ लोगों को हिस्सेदार बनाया है. साथ ही अपने फाउंडेशन का जिक्र किया है. 

शांतनु नायडू को क्या मिला

टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने लंबे समय से सहयोगी रहे शांतनु नायडू को भी अपनी वसीयत में शामिल किया है. टाटा ने आरएनटी कार्यालय में महाप्रबंधक नायडू के वेंचर गुडफेलो में अपनी हिस्सेदारी भी छोड़ दी है. साथ ही उन्होंने नायडू के शिक्षा के लिए लोन को भी माफ कर दिया है. बता दें कि ‘गुडफेलो’ 2022 में शुरू की गई वरिष्ठ नागरिकों के लिए सदस्यता-आधारित साहचर्य सेवा है. 

कौन है शांतनु नायडू

कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए करने वाले शांतनु नायडू रतन टाटा के बेहद ही करीबी लोगों में से एक थे. नायडू साल 2017 से टाटा ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं. शांतनु नायडू टाटा समूह में काम करने वाले अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी हैं. 

टाटा समूह में चैरिटेबल ट्रस्ट्स के शेयरों को छोड़ने की परंपरा को भी रतन टाटा ने ध्यान में रखा और हिस्सेदारी  रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को ट्रांसफर कर दी जाएगी. 

रतन टाटा के पास थी कितनी संपत्ति

रतन टटा अपने पीछे करीब 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ गए हैंटाटा की संपत्ति में अलीबाग में दो हजार वर्ग फुट बंगला हैमुंबई के जुहू में दो मंजिला मकान है.350 करोड़ रुपये की एफडी है.टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 0.83 फीसदी हिस्सेदारी है.रतन टाटा के पास करीब 20-30 गाड़ियों हैं.

वसीयत में टीटो का भी रखा ध्यान

रतन टाटा ने अपने जर्मन शेफर्ड डॉग टीटो की देखभाल करने की जिम्मेदारी अपने रसोइए राजन शॉ को दी है. वसीयत में उन्होंने टीटो की ‘असीमित’ देखभाल करने के लिए अच्छी खासी रकम छोड़ी है. टीटो को रतन टाटा ने कुछ महीने पर ही गोद लिया था. इसके अलावा रतन टाटा ने वसीयत में अपने वफादार बटलर सुब्बैया के लिए भी कुछ हिस्सा छोड़ा है, जिसे वो लंबे समय से जानते थे. 

बता दें टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का नौ अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.

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