‘शताब्दी’, ‘राजधानी’ और ‘वन्दे भारत’ भी रुक जाती हैं, जब यह ‘VVIP’ ट्रेन आती है…​

 अब आप सोच रहे होंगे कि कहीं यह ट्रेन ‘वन्दे भारत’ तो नहीं, लेकिन आपको बता दें कि ‘वन्दे भारत’ को भी इस ट्रेन के पास होने के लिए रोक दिया जाता है. तो आखिर इस ट्रेन का नाम क्या है.

India’s Accident Relief Medical Train: ऊपर हेडलाइन पढ़कर आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर ऐसी कौन सी ट्रेन है, जिसे रास्ता देने के लिए राजधानी और शताब्दी को भी रुकना पड़ता है. यह भारत की एक ऐसी ट्रेन है, जिसके आगे राजधानी हो, दुरंतो हो या स्वर्ण शताब्दी, इन सभी ट्रेनों को रुकना पड़ता है. यानी चाहे VIP ट्रेन हो या VVIP ट्रेन, उन्हें इस ट्रेन को पास देना ही पड़ता है. अब आप सोच रहे होंगे कि कहीं यह ट्रेन ‘वन्दे भारत’ तो नहीं, लेकिन आपको बता दें कि ‘वन्दे भारत’ को भी इस ट्रेन के पास होने के लिए रोक दिया जाता है. तो आखिर इस ट्रेन का नाम क्या है.

भारत की एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल ट्रेन (India’s Accident Relief Medical Train)

देश की इकलौती ऐसी ट्रेन, जो किसी भी दूसरी ट्रेन को पास नहीं देती, उसका नाम है एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल ट्रेन (Accident Relief Medical Train). जब यह ट्रैक पर दौड़ती है, तो फिर चाहे कोई भी ट्रेन हो, उसे इसे पास देने के लिए रुकना ही पड़ता है.

एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल ट्रेन का काम (Work of Accident Relief Medical Train)

भारत में जब कहीं कोई ट्रेन एक्सीडेंट हो जाता है, तो वहां यह ट्रेन जल्द से जल्द मेडिकल फैसिलिटी पहुंचाने का काम करती है. यह ट्रेन मॉडर्न इक्विपमेंट और मेडिकल फैसिलिटी से लैस होती है. साथ ही ट्रेन में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम भी होती है, ताकि घायलों का तुरंत इलाज किया जा सके.

अब आप सोच रहे होंगे कि इन ट्रेन को खड़ा कहां किया जाता है, तो आपको बता दें कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) के इंपोर्टेंट यार्ड और स्टेशनों पर इन्हें खड़ा किया जाता है. कोई ट्रेन एक्सीडेंट होने पर यह रेल बचाव और राहत कार्य के लिए बहुत कम समय में दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाती है. इसलिए इस ट्रेन को जल्द से जल्द दुर्घटनास्थल (accident site) पर पहुंचाने के लिए दूसरी ट्रेनों को खड़ा कर दिया जाता है.

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