October 23, 2024
श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद: मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर इलाहाबाद Hc का फैसला कल 

श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद: मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर इलाहाबाद HC का फैसला कल ​

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में बुधवार को मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर फैसला सुनाएगा.

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में बुधवार को मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर फैसला सुनाएगा.

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) और शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Masjid) विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष रिकॉल अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) बुधवार करीब चार बजे फैसला सुनाएगा. इस मामले में 16 अक्टूबर को दाखिल 15 वादों की एक साथ सुनवाई करने के 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर रिकॉल अर्जी दाखिल की गई थी, जिसकी बहस पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था. मुस्लिम पक्ष ने 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापिस लेने की मांग करते हुए रिकॉल अर्जी दाखिल की है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच इस पर सुनवाई कर रही है.

दोनों पक्षों ने 16 अक्टूबर को कोर्ट में अपना पक्ष रखा था. मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि सभी वादों में मांगी गई राहतें अलग और असमान हैं, इन्‍हें एक साथ सुनना सही नहीं है. साथ ही रिकॉल आवेदन को कोर्ट से स्‍वीकार करने के लिए प्रार्थना की थी. वहीं हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष के रिकॉल आवेदन का विरोध किया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2024 को इस मामले में दाखिल सभी 15 वादों को एक साथ सुनने का आदेश दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए अपना फैसला सुनाते हुए मस्जिद पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया था और ट्रायल शुरू होने से पहले पक्ष रखने का आदेश दिया था. हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल 18 सिविल वादों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है. ट्रायल शुरू होने से पहले मुस्लिम पक्ष ने रिकॉल अर्जी दाखिल करते हुए 11 जनवरी 2024 को पारित आदेश को वापिस लेने और रिकॉल अर्जी पर पहले सुनवाई करने की मांग की थी.

पिछली सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष की ओर से अधिवक्ता तस्नीम अहमदी और महमूद प्राचा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखा था और कहा था कि अलग-अलग मांग के साथ दाखिल वादों की एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती है क्‍योंकि सभी पक्षकारों से सहमति नहीं ली गई है. उन्होंने कोर्ट से सभी मुकदमों को एक साथ सुने जाने के आदेश को वापस लेने की प्रार्थना की. वहीं मंदिर पक्ष की ओर से इसका विरोध किया और कहा कि कोर्ट को एक ही मुद्दे को लेकर दाखिल वादों की एक साथ सुनवाई करने का अधिकार है.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.