हमास और हिज्बुल्लाह की तबाही के बाद भी इजरायल पहले से ज़्यादा असुरक्षित, आखिर ऐसा क्यों बोले टीएस तिरुमूर्ति​

 संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “क्षेत्र में इजरायल ने अपने मिलिट्री ऑपरेशन तेज कर दिए हैं. अगर आप गाजा को देखें, तो जाहिर तौर पर वहां इजरायल ने हमास को नुकसान पहुंचाया है. हमास को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है

इजरायल और फिलिस्तीन के मिलिशिया ग्रुप हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है. हमास का नामो-निशान मिटाने के लिए इजरायल ने गाजा में हमले तेज कर दिए हैं. इसके साथ ही इजरायली सेना लेबनान के मिलिशिया ग्रुप हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर भी हमले कर रही है. सवाल उठता है कि क्या हमास और हिज्बुल्लाह की तबाही के बाद इजरायल सुरक्षित हो जाएगा? संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इसका जवाब दिया है.

NDTV वर्ल्ड समिट 2024- द इंडिया सेंचुरी के दूसरे दिन मंगलवार (22 अक्टूबर) को टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हमास और हिज्बुल्लाह की तबाही के बाद भी इजरायल पहले से ज़्यादा असुरक्षित रहेगा. संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, “क्षेत्र में इजरायल ने अपने मिलिट्री ऑपरेशन तेज कर दिए हैं. अगर आप गाजा को देखें, तो जाहिर तौर पर वहां इजरायल ने हमास को नुकसान पहुंचाया है. हमास को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. वहां, करीब 43 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.”

उन्होंने कहा, “जंग में अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़े गए. ऐसा हमास का इजरायल पर अटैक करने के साथ ही हुआ था. 7 अक्टूबर को रॉकेट हमलों के बाद हमास ने 1200 से ज्यादा इजरायलियों का कत्लेआम किया. 250 से ज्यादा नागरिकों को बंधक बनाकर भी ले गए. अब तक इनकी रिहाई नहीं हुई है. सीजफायर की बात भी नहीं हो रही. जाहिर तौर पर मिडिल ईस्ट के दूसरे देशों पर भी जंग का असर हो रहा है.”

तिरुमूर्ति कहते हैं, “इजरायल की इस जंग में ईरान भी अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल है. वह हमास और हिज्बुल्लाह को फंडिंग और हथियार देता है. इजरायल और ईरान की दुश्मनी जगजाहिर है. लेबनान भी रिएक्ट कर सकता है. लिहाजा ये कहना जल्दबाजी होगी कि हमास-हिज्बुल्लाह की तबाही के बाद इजरायल महफूज है.”

तिरुमूर्ति ने कहा, “गाजा जंग ने फिलिस्तीनी मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है. इजरायल और ईरान के बीच जैसे को तैसा का मामला चल रहा है. यह पहली बार है कि जब ईरानी दुनिया को बता रहे हैं कि वे इजरायल तक पहुंच सकते हैं. उनका किला भेद सकते हैं. ये स्थिति चलती रहेगी.”

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