हरियाणा विधानसभा के लिए 90 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबले की संभावना है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर सोमवार को मंथन हुई. जानकारी के अनुसार 34 नामों पर मुहर लग गयी है. वहीं 49 अन्य नामों पर भी चर्चा हुई है. बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि बुधवार तक सूची आने की संभावना है. जानकारी के अनुसार जिन नामों पर मुहर लग गयी है उनमें 34 में से 22 मौजूदा विधायक हैं.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख में बदलाव किया है. निर्वाचन आयोग ने हरियाणा में एक चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख बदलकर 5 अक्टूबर कर दी है. इससे पहले मतदान 1 अक्टूबर को होना था। अब वहां एक अक्टूबर की जगह 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी. चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार का हवाला देते हुए शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना की तारीख 8 अक्टूबर कर दिया है.
बीजेपी की भी जल्द जारी हो सकती है पहली लिस्ट
बीजेपी की पहली लिस्ट को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. भाजपा सूत्रों ने बताया है कि करीब 10 से 15 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं. इनका सर्वे में फीडबैक अच्छा नहीं आया है. सभी 90 सीटों पर नाम तय कर लिए गए हैं. इंतजार बस इस बात का है कि कांग्रेस समेत अन्य दल क्या रणनीति अपना रहे हैं. उसके हिसाब से कुछ नामों में फेरबदल किया जा सकता है. हालांकि, 25 सीटों पर नाम तो लगभग तय हैं. ये सभी भाजपा के पुराने चेहरे या फिर दूसरी पार्टी से आए दिग्गज नेता या फिर उनके परिवार के सदस्य हैं. भाजपा को उम्मीद है कि ये न सिर्फ अपनी सीट बल्कि आसपास की सीटों पर भी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होंगे. सभी के नाम नीचे पढ़ें. इन्हें संभावित उम्मीदवार इसलिए बताया गया है क्योंकि अभी भाजपा की आधिकारिक उम्मीदवारों की सूची नहीं आई है.
बीजेपी क्यों नहीं जारी कर रही है लिस्ट?
उम्मीदवारों की सूची में देरी के पीछे सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी नहीं चाहती कि विधानसभा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद किसी तरह की खेमेबाजी हो. साथ ही जननायक जनता पार्टी (जजपा), चंद्रशेखर आजाद की पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल जैसी पार्टियां इसी इंतजार में हैं कि भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों के नेता बागी होकर उनकी पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए आएं. भाजपा किसी भी पार्टी को ऐसा मौका देने के मूड में नहीं है.
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