November 5, 2024
हर कोई पूछ रहा क्या हुआ उसका, ईरान में हिजाब के विरोध में कपड़े उतारने वाली वह लड़की कहां है?

हर कोई पूछ रहा- क्या हुआ उसका, ईरान में हिजाब के विरोध में कपड़े उतारने वाली वह लड़की कहां है?​

पिछले कुछ सालों में ईरान में महिलाओं द्वारा ड्रेस कोड का विरोध बढ़ा है. 1979 की क्रांति के बाद ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था.

पिछले कुछ सालों में ईरान में महिलाओं द्वारा ड्रेस कोड का विरोध बढ़ा है. 1979 की क्रांति के बाद ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था.

एक ईरानी लड़की को यूनिवर्सिटी कैंपस (University Campus) में अपने कपड़े उतारने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना शनिवार की है और लड़की ने देश के सख्त इस्लामी ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध में अपने कपड़े उतारे. वहीं कुछ रिपोट्स में यह भी कहा गया कि लड़की के साथ मोरैलिटी पुलिस ने गलत बर्ताव किया जिसके विरोध में उसने यह कदम उठाया.

ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने एक्स पर इस घटना के संबंध में लिखा, ‘ईरान में,यूनिवर्सिटी मोरैलिटी पुलिस ने ‘अनुचित’ हिजाब के कारण एक छात्रा को परेशान किया लेकिन उसने पीछे हटने से इनकार कर दिया. उसने अपने शरीर को विरोध में बदल दिया, अपने कपड़े उतार दिए और कैंपस में मार्च किया – एक ऐसी व्यवस्था को चुनौती दी जो लगातार महिलाओं के शरीर को नियंत्रित करती है. उसका यह कृत्य ईरानी महिलाओं की आजादी की लड़ाई की एक शक्तिशाली याद होगी. हां, हम अपने शरीर का इस्तेमाल हथियार की तरह करते हैं ताकि एक ऐसी व्यवस्था से लड़ सकें जो महिलाओं को उनके बाल दिखाने के लिए मार देती है.

ईरान की सरकारी एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क महानिदेशक आमिर महजौब ने रविवार को अपने एक्स अकाउंट पर घटना पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने दावा किया कि छात्रा ने 2 नवंबर को अनैतिक कार्य किया था.अधिकारी ने मीडिया में चल रही इस चर्चा को खारिज कर दिया कि परिसर की सुरक्षा ने लड़की के साथ शारीरिक संपर्क किया

महजौब ने बताया कि उत्तरी तेहरान में स्थित इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी की साइंस और रिसर्च ब्रांच में एक छात्रा द्वारा की गई अभद्र हरकत के बाद, परिसर की सुरक्षा ने कदम उठाए और उसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों को सौंप दिया. उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि छात्रा मानसिक दबाव में थी.

सोशल मीडिया में आ रहे हैं तरह-तरह के रिएक्शन
इस घटना को लेकर दुनिया भर में सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. हालांकि तमाम दावों का एनडीटीवी पुष्टि नहीं करती है.ओसिन जैन नाम एक एक्स यूजर्स ने दावा किया कि ये कोई आम फोटो नहीं है पूरे ईरान के बदलाव में बगावत की शुरुआत है. कल इस ईरानी लड़की को ईरान की पुलिस ने पीट-पीट का निर्दय से मार डाला मरने से पहले इसका कई लोगों ने बलात्कार किया. कई लोगों ने इससे कहा कि तुम जानती हो तुम्हें इसके लिए मौत दी जा सकती है. तब उस ईरानी लड़की ने कहा कि मैं सोए हुए ईरानी लोगों को जगाने के लिए अपनी कुर्बानी देना चाहती हूं कि तुम लोग उठो और इस निरंकुश शासन को उखाड़ फेंको. और वही हुआ पूरे ईरान में जबरदस्त गुस्सा है लोग अंदर ही अंदर सुलग रहे हैं कभी भी बगावत हो सकती है.

ये कोई आम फोटो नहीं है पूरे ईरान के बदलाव में बगावत की शुरुआत है

कल इस ईरानी लड़की को ईरान की पुलिस ने पीट-पीट का निर्दय से मार डाला मरने से पहले इसका कई लोगों ने बलात्कार किया

कई लोगों ने इससे कहा कि तुम जानती हो तुम्हें इसके लिए मौत दी जा सकती है

तब उस ईरानी लड़की ने कहा… pic.twitter.com/yG9DlAAA5Y

— ocean jain (@ocjain4) November 3, 2024

एक अन्य पोस्ट में सुनील सिंह नाम के यूजर्स ने लिखा कि इस लड़की के बारे में अब जाकर विस्तार से खुलासा हो रहा है. यह लड़की तेहरान यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी यह यूनिवर्सिटी के सामने की सड़क में बिना हिजाब के जा रही थी. तभी ईरान के मोरल पुलिस कर्मचारियों ने इसे रोका इसे मारे फिर इसने भी हाथ उठाया तो एक पुलिस कर्मचारियों ने इसकी कमीज फाड़ दी फिर इसने खुद ही अपनी पेंट उतार दी और ऐसे ही तेहरान की सड़कों पर चहलकदमी करती रही.

ये मामला ईरान का है जानते हैं आख़िर में क्या हुआ ? इस लड़की को गिरफ़्तार कर पीट पीट कर मार डाला गया ।

अगर हमारे देश में ऐसा होता तो भूचाल आ गया होता? pic.twitter.com/MMc3434lqj

— Sunil Singh (@iRamBhakt108) November 3, 2024

मनीष वर्मा नाम के यूजर ने आंदोलन की पुरानी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा था कि ईरान में अनिवार्य ड्रेस कोड को लेकर साल 2022 में भी एक प्रोटेस्ट सामने आया था जहां महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद महिलाओं ने अनिवार्य ड्रेस कोड के खिलाफ आवाज बुलंद की थी.

ईरान में अनिवार्य ड्रेस कोड को लेकर साल 2022 में भी एक प्रोटेस्ट सामने आया था जहां महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद महिलाओं ने अनिवार्य ड्रेस कोड के खिलाफ आवाज बुलंद की थी pic.twitter.com/5YyLXfZ7nT

— Manish Verma (@theMverma) November 3, 2024

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