अंतरिक्ष यात्री स्पेस में कैसे करते हैं टॉयलेट का इस्तेमाल, सुनीता विलियम्स ने वीडियो में समझाया​

 सुनीता विलियम्स, अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ महीने से अधिक समय बिताने के बाद पृथ्वी पर लौट रही हैं.

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बुधवार अहले सुबह धरती पर लौटने वाली हैं. वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर लंबे समय तक रहने के बाद वापस आ रही हैं. अंतरिक्ष यात्रियों को हवा में तैरते देखना भले ही मजेदार लगता हो, लेकिन वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं होने के कारण कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. साथ ही आम लोगों के मन में ये भी सवाल रहता है कि अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट टॉयलेट का इस्तेमाल कैसे करते हैं. ऐसे में सुनीता विलियम्स ने एक वीडियो बनाकर शेयर किया है, ताकि इसे आसानी से समझा जा सके.

कुछ समय पहले बनाए गए इस वीडियो में उन्होंने दिखाया है कि अंतरिक्ष यात्री टॉयलेट का इस्तेमाल कैसे करते हैं. स्पेस स्टेशन में इसके लिए एक खास किस्म का टॉयलेट बनाया जाता है, जिसमें वैक्यूम का इस्तेमाल होता है.

टॉयलेट वैक्यूम वाला होने की वजह से शरीर से निकला मल फोर्स की मदद से टैंक में चला जाता है. एस्ट्रोनॉट इसे खास तरीके से इस्तेमाल करते हैं.

अंतरिक्ष यात्रियों का स्पेस स्टेशन में यूरिन करने का तरीका भी अलग होता है. इसके लिए वो एक खास तरह के पाइप का इस्तेमाल करते हैं. ये भी वैक्यूम पाइप होता है.

अंतरिक्ष में पेशाब और मल त्याग दोनों के लिए अलग-अलग टॉयलेट होते हैं.

सुनीता विलियम्स, अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ महीने से अधिक समय बिताने के बाद पृथ्वी पर लौट रही हैं.

सुनीता इस साल सितंबर में 60 वर्ष की हुईं हैंय. वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं. उनसे पहले कल्पना चावला यह उपलब्धि हासिल कर चुकी थीं, लेकिन 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी.

सुनीता विलियम्स का जन्म 1965 में हुआ था. उनके पिता दीपक पांड्या गुजरात से हैं, जबकि उनकी मां उर्सुलाइन बोनी पांड्या (जालोकर) स्लोवेनिया से हैं. सुनीता ने पहली बार 2006 में “डिस्कवरी” स्पेस शटल के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा की थी.

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