20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री ने भारत के प्रथम दिल्ली-मेरठ नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. अब 5 जनवरी, 2025 को साहिबाबाद और न्यू अशोक नगर के बीच दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के 13 किलोमीटर लंबे अतिरिक्त खंड का उद्घाटन करेंगे, जो क्षेत्रीय परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
साल 2024 नमो भारत कॉरिडोर के लिए वृद्धि, विकास और विस्तार का समय रहा. आगे की कड़ी में दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के दिल्ली सेक्शन का 13 किलोमीटर का अतिरिक्त हिस्सा चलने के लिए तैयार है. इस विस्तार के साथ, नमो भारत कॉरिडोर का परिचालित खंड अब 42 किलोमीटर से बढ़कर कुल 11 स्टेशन के साथ 55 किलोमीटर का हो जाएगा.
20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री ने भारत के प्रथम दिल्ली-मेरठ नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. अब 5 जनवरी, 2025 को साहिबाबाद और न्यू अशोक नगर के बीच दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के 13 किलोमीटर लंबे अतिरिक्त खंड का उद्घाटन करेंगे, जो क्षेत्रीय परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. इस उद्घाटन के साथ नमो भारत ट्रेनों का दिल्ली में शुभागमन होगा जो राष्ट्रीय राजधानी के लिए उच्च गति की गतिशीलता विकल्पों के एक नए अध्याय का आरंभ करेंगी.
रविवार शाम 5 बजे से, नमो भारत ट्रेनें 15 मिनट की आवृत्ति पर जनता के लिए उपलब्ध होंगी. दिल्ली से मेरठ की दिशा में पहले परिचालित स्टेशन, न्यू अशोक नगर स्टेशन, से मेरठ साउथ तक का किराया स्टैन्डर्ड कोच के लिए 150 रुपये और प्रीमियम कोच के लिए 225 रुपये है.
इस सेक्शन पर परिचालन शुरू होने से मेरठ शहर अब नमो भारत के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ गया है. इससे यात्रा में लगने वाला समय अब घटकर एक तिहाई कम हो जाएगा, जिससे यात्री न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक सिर्फ़ 40 मिनट में यात्रा कर सकेंगे.
अब तक, 50 लाख से अधिक यात्री नमो भारत ट्रेनों द्वारा यात्रा का लाभ उठा चुके हैं जो उनकी लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है. कॉरिडोर के बाकी बचे हुए सेक्शन, यानी न्यू अशोक नगर-सराय काले खां और मेरठ साउथ-मोदीपुरम में निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है.
नमो भारत ट्रेनों में स्टैंडर्ड और प्रीमियम कोच के लिए किराया चार्ट
इस नव उद्घाटित 13 किलोमीटर के सेक्शन में से 6 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है जिसमें कॉरिडोर का एक प्रमुख स्टेशन, आनंद विहार शामिल है. यह पहली बार है जब नमो भारत ट्रेनें भूमिगत सेक्शन में दौड़ेंगी. इस सेक्शन में दूसरा स्टेशन न्यू अशोक नगर, एक एलिवेटेड स्टेशन है. दोनों स्टेशन दिल्ली में स्थित हैं.
मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन नमो भारत परियोजना का मूल सिद्धांत रहा है. पीएम गति शक्ति-नेशनल मास्टर प्लान के अनुरूप, इसका उद्देश्य यात्रियों के लिए यात्रा को सहज और सुविधाजनक बनाना है, जिससे सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा सके. नमो भारत स्टेशनों को इस तरह से डिज़ाइन और निर्मित किया गया है कि उन्हें जहाँ भी संभव हो, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन जैसे मौजूदा सार्वजनिक परिवहन के साधनों से सहजता से एकीकृत किया जा सके.
इसे संभव बनाने के लिए, एनसीआरटीसी को निर्माण के दौरान कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें जटिल इंजीनियरिंग बाधाएँ भी शामिल थीं, लेकिन यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए एनसीआरटीसी ने उन्हें सफलतापूर्वक पार किया.
क्या-क्या सुविधाएं हैं
प्रत्येक ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है, और अन्य कोचों में भी महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए सीटें आरक्षित हैं. नमो भारत ट्रेनों के अंदर, व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए विशिष्ट स्थान प्रदान किए गए हैं. सभी यात्रियों की सहायता और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ट्रेन में एक ट्रेन अटेंडेंट उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त, आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए कोच के अंदर और प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन दरवाज़ों पर एक पैनिक बटन दिया गया है.
82 किलोमीटर लंबा, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर नई दिल्ली के सराय काले खां से आरंभ होकर मेरठ के मोदीपुरम में समाप्त होता है. इसमें मेरठ मेट्रो के लिए 9 अतिरिक्त स्टेशनों के साथ-साथ 16 नमो भारत स्टेशन हैं, जो इसे एक व्यापक और परिवर्तनकारी क्षेत्रीय पारगमन समाधान बनाता है.
यह उद्घाटन बेहतर सार्वजनिक परिवहन और सतत शहरी गतिशीलता की दिशा में भारत की यात्रा में बढ़ाया गया एक सशक्त और मज़बूत कदम है, जो कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टी करता है.
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