अब दिल्ली में घुसते ही लगेगा टैक्स? आतिशी सरकार कर रही है तैयारी, क्या है इसकी वजह​

 जानकारी के अनुसार पीक आवर्स के दौरान दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों से कंजेशन टैक्स वसूला जाएगा. सरकार की योजना है कि ये टैक्स मैन्युअल तरीके की जगह फास्टैग के जरिए ही वसूला जाए. 

दिल्ली सरकार जल्द ही कंजेशन टैक्स (Congestion Tax) लागू करने वाली है. राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बढ़ती वाहनों की भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से कंजेशन टैक्स लाने की योजना पर सरकार काम कर रही है. लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर में पहले से कंजेशन टैक्स लागू है, वहीं अब दिल्ली सरकार भी इसके बारे में विचार कर रही है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार पीक आवर्स के दौरान शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों से कंजेशन टैक्स वसूला जाएगा.  13 प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर सुबह 8 से 10 बजे तक और शाम 5.30 से 7.30 बजे तक ये टैक्स वसूला जाएगा.

फास्टैग के जरिए होगी वसूली

सरकार की योजना है कि ये टैक्स मैन्युअल तरीके की जगह फास्टैग के जरिए वसूला जाएगा. आरएफआईडी रीडर और एनपीआर (नंबर प्लेट पहचान) कैमरों की मदद से ऐसा किया जाएगा. ताकि वाहन बिना रुके टैक्स का भुगतान कर सकें और ट्रैफिक जाम न लग सके. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंजेशन राशि पर काम कर रहे है. इससे जुड़ा एक प्रस्ताव भी दिया गया है. हालांकि मोटर वाहन अधिनियम में ऐसे शुल्क का जिक्र नहीं है. इसलिए या तो अधिनियम में बदलाव या नए वैधानिक प्रावधानों की आवश्यकता है.

क्यों लाया जा रहा है कंजेशन टैक्स

आसपास के राज्यों से दिल्ली में भारी मात्रा में वाहनों का आगमन लगातार बढ़ा रहा है. जिससे की ट्रैफिक की समस्या हो रही है. साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. इन समस्या को देखते हुए सरकार ने कंजेशन टैक्स का प्रस्ताव तैयार किया है.

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंजेशन टैक्स से दोपहिया वाहनों और गैर-प्रदूषणकारी वाहनों साथ ही ईवी वाहनों को छूट दी जाएगी. कंजेशन टैक्स से जमा की गई राशि को सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और सड़कों में सुधार लाने के लिए प्रयोग किया जाएगा.

पहले भी आया था ये प्रस्ताव

इससे पहले भी दिल्ली में दो बार  कंजेशन टैक्स का प्रस्ताव आ चुका है. साल 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सरकार कंजेशन टैक्स का प्रस्ताव लेकर आई थी. फिर 2018 में सरकार ने चुनिंदा सड़क में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ये कर लगाने का प्रस्ताव तैयार किय़ा था. लेकिन दोनों बार ये लागू नहीं हो सका.

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