चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था.
निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनियमितता से संबंधित कांग्रेस के आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया और कहा कि पार्टी पूरे चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे एक पत्र में चुनाव आयोग (Election Commission) ने कहा कि इस तरह के ‘तुच्छ और बेबुनियाद’ संदेह ‘अशांति’ पैदा करने की क्षमता रखते हैं, खासकर मतदान और मतगणना जैसे महत्वपूर्ण चरण में, जब राजनीतिक दलों और जनता की बेचैनी चरम पर होती है.
हरियाणा में पांच अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 में से 48 सीटें जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 37, इनेलो दो और निर्दलीय तीन सीटों पर विजयी रहे.
आठ पन्नों के पत्र के मुताबिक, कांग्रेस ने हरियाणा की 26 विधानसभा सीटों के कुछ मतदान केंद्रों पर गिनती के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के ‘कंट्रोल यूनिट’ पर बैटरी का स्तर 99 फीसदी दिखने पर सवाल उठाए थे और स्पष्टीकरण मांगा था.
आयोग ने कहा, “इस चिंता में ‘कंट्रोल यूनिट’ को बदले जाने की आशंका छिपी हुई थी.”
निर्वाचन आयोग के साथ बैठक में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा था कि कई विधानसभा क्षेत्रों में मतगणना प्रक्रिया के दौरान, कांग्रेस उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों ने यह तथ्य निर्वाचन अधिकारी के संज्ञान में लाया था.
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आयोग ने कहा, “किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल से इसकी अपेक्षा कम ही की जाती है। आयोग देश में चुनावी लोकतंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने में राजनीतिक दलों के सुविचारित विचारों की गंभीरता की सराहना करता है और आश्वासन देता है कि वह समय पर शिकायत के निवारण के लिए प्रतिबद्ध रहेगा.”
आयोग ने कहा कि ‘‘एक बार फिर” उसे इस बात का उल्लेख करने के लिए मजबूर होना पड़ा है कि किसी भी वैधानिक चुनावी कदम से समझौता किए जाने का ‘‘कोई सबूत नहीं” होने के बावजूद कांग्रेस चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था.
पत्र में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग कांग्रेस से आग्रह करता है कि वह पार्टी के बड़े और शानदार रुतबे के अनुरूप अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने के लिए ठोस कदम उठाए.
ईवीएम की बैटरी के स्तर पर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि बैटरी की क्षमता और वोल्टेज का ईवीएम पर वोटों की गिनती और विश्वसनीयता से कोई लेना-देना नहीं है.
आयोग ने कहा कि ‘कंट्रोल यूनिट’ पर बैटरी का स्तर दिखाने का उद्देश्य बैटरी के स्तर की निगरानी में तकनीकी टीमों की मदद करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि ईवीएम मतदान प्रक्रिया के दौरान सुचारू रूप से काम करे.
आयोग ने कहा कि बैटरी के स्तर के नतीजों को प्रभावित करने संबंधी आशंकाएं पूरी तरह से बेतुकी हैं.
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