December 26, 2024
अल्लू अर्जुन मामले में कितनी राजनीति, कितना फसाना, इस विवाद को हवा क्यों दे रही है बीजेपी

अल्लू अर्जुन मामले में कितनी राजनीति, कितना फसाना, इस विवाद को हवा क्यों दे रही है बीजेपी​

हैदराबाद के एक थिएटर में हुई भगदड़ में महिला की मौत के मामले में अल्लू अर्जुन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पुलिस ने मंगलवार को उनसे तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. वहीं विधानसभा में एआईएमआईएम की ओर से यह मामला उठाए जाने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है.

हैदराबाद के एक थिएटर में हुई भगदड़ में महिला की मौत के मामले में अल्लू अर्जुन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पुलिस ने मंगलवार को उनसे तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. वहीं विधानसभा में एआईएमआईएम की ओर से यह मामला उठाए जाने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है.

पुष्पा-2 के हीरो अल्लू अर्जुन से पुलिस ने मंगलवार को तीन घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई. पुलिस ने उनसे यह पूछताछ चार दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में हुई भगदड़ को लेकर की. इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था.वो अभी भी कोमा में है.इससे पहले रविवार को कुछ लोगों ने अल्लू अर्जुन के घर में तोड़फोड़ की थी.भगदड़ केस में अल्लू अर्जुन को 13 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. इसके बाद उन्हें चंचलगुडा सेंट्रल जेल से रिहा किया गया था. इस बीच यह मामला तेलंगाना की विधानसभा में भी उठा. इस मामले पर मुख्यमंत्री रेवंती रेड्डी ने विधानसभा में बयान दिया. इसके जवाब में अल्लू अर्जन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी. इसके बाद से इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया और मामला गरमाता ही जा रहा है. अल्लू अर्जन की गिरफ्तारी पर तेलंगाना में जमकर राजनीति हो रही है.इसी पूरी घटना को राजनीति के चश्मे से देखा जा रहा है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की राजनीति क्या है.

रील लाइफ बनाम रियल लाइफ

अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा’का एक डॉयलाग है.इसमें वो कहते हैं- पुष्पा झुकेगा नहीं. रील लाइफ का यह डॉयलॉग उनकी रियल लाइफ में गले की फांस बनता नजर आ रहा है. चार दिसंबर को हुई भगदड़ मामले में उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गिरफ्तारी के बाद हुई रिहाई के बाद एक बार फिर उनकी गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही है. वहीं कुछ लोग इसे राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं. इस तरह की वारदात पहले भी हुई हैं. लेकिन कभी इस तरह किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया. इसी साल उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक आयोजन के दौरान करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन यूपी पुलिस ने कभी भी कथा करने वाले बाबा को गिरफ्तार नहीं किया.

पुलिस ने मंगलवार को फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन से एक थिएटर में हुई भगदड़ के मामले में करीब तीन घंटे तक पूछताछ की.

अर्जुन के पिता अल्लू अरविंद तेलगू फिल्मों के बड़े निर्माता हैं.अल्लू परिवार का राजनीति से भी नाता है. अल्लू अर्जुन की बुआ सुरेखा की शादी तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी से हुई है. चिरंजीवी भी फिल्मों से होते हुए राजनीति में आए थे. उन्होंने प्रजा राज्यम पार्टी बनाई थी. उनकी पार्टी का 2011 में कांग्रेस में विलय हो गया था. चिंरजीवी मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी रहे हैं. वहीं उनके छोटे भाई पवन कल्याण भी जन सेना के नाम से एक पार्टी चलाते हैं. जन सेना ने आंध्र प्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी और टीडीपी के साथ मिलकर लड़ा था. इस गठबंधन ने आंध्र प्रदेश में सरकार बनाई. पवन कल्याण इस सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं.

अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. अर्जुन ने इस साल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था. जबकि उनके फूफा पवन कल्याण वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ थे. अल्लू के प्रचार ने सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरी थीं. सोशल मीडिया पर पवन कल्याण और अर्जुन के फैंस में जंग छिड़ गई थी.’पुष्पा 2′ के कुछ डायलॉग्स को पवन कल्याण और रामचरण के खिलाफ माना गया. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि एक कार्यक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री का नाम भूल जाने की सजा अर्जुन को दी जा रही है. उन्हें अब तय करना होगा कि ‘पुष्पा’ झुकेगा या नहीं.

हैदराबाद में अल्लू अर्जुन के घर में तोड़फोड़ करते लोग.

अल्लू अर्जुन से बीजेपी की उम्मीदें क्या हैं

तेलंगाना की राजनीति में पैर जमाने की कोशिश कर रही बीजेपी शुरू से इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अल्लू की गिरफ्तारी पर कहा था कि संध्या थियेटर की घटना राज्य और प्रशासन की खराब व्यवस्था का मामला है.वहीं जब मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने विधानसभा में अल्लू की गिरफ्तारी पर एक जैसी बात कही. इसके बाद बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि रेवंत रेड्डी और अकबरुद्दीन ओवैसी मिलकर अल्लू अर्जुन को निशाना बना रहे हैं. इस तरह के बयान से पता चलता है कि बीजेपी तेलंगाना की राजनीति में पैर जमाने के लिए अल्लू अर्जुन के स्टारडम का इस्तेमाल कर रही है.

Visited Master Sritej at KIMS Hospital, who is recovering after being injured in the tragic stampede at Sandhya Theatre during the Pushpa 2 screening. Consoled his father over the heartbreaking loss of his wife, Revathi. I pray to god that Sritej recovers at the earliest. Assured… pic.twitter.com/rAAALVZhip

— Bandi Sanjay Kumar (@bandisanjay_bjp) December 22, 2024

बीजेपी अल्लू अर्जुन की लोकप्रियता का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है, जिनकी लोकप्रियता ‘पुष्पा-2′ के बाद से सातवें आसमान पर है.’पुष्पा-2’ ने दक्षिण के राज्यों के साथ-साथ उत्तर भारत में भी सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. अल्लू अर्जुन की लोकप्रियता का आलम यह है कि इसके निर्माताओं ने ‘पुष्पा-2’ की रीलीज से पहले बिहार की राजधानी पटना में एक कार्यक्रम का आयोजित किया. वहां बड़ी संख्या में अल्लू अर्जुन के चाहने वाले पहुंचे थे. बीजेपी को फिल्म स्टार पवन कल्याण की वजह से तेलंगाना के पड़ोसी आंध्र प्रदेश में मिली सफलता को देखते हुए अल्लू अर्जुन से काफी उम्मीदें हैं. बीजेपी, पवन कल्याण की जन सेना और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की तिकड़ी ने इस साल विधानसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंका था.इसके बाद से पवन कल्याण को दक्षिण में हिंदुत्व के चेहरे के रूप में पेश करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में महायुति के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार भी किया था. इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी.

बीजेपी का फिल्म स्टार प्रेम

फिल्म स्टारों के स्टारडम को भुनाने में बीजेपी ने कभी भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई है. इसे उसकी उत्तर भारत की राजनीति में देखा जा सकता है. उत्तर भारत के इस प्रयोग का वह दक्षिण में भी दोहराना चाहती है. उसे दक्षिण में अधिक सफलता मिल सकती है, क्योंकि वहां की राजनीति में फिल्म स्टार पहले से ही बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं. यही वजह है कि अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी की खबर आते ही बीजेपी के बड़े नेताओं ने बयान देने शुरू कर दिए.

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस मामले में विधानसभा में जानकारी दी थी.

तेलगू अभिनेताओं से रेवंत रेड्डी सरकार की टकराव उस समय शुरू हुआ,जब रेवंती रेड्डी की सरकार ने मशहूर तेलगू अभिनेता नागार्जुन का संपत्ति को अवैध बताते हुए गिरवा दिया था. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री और बीजेपी नेता बंडी संजय कुमार ने आरोप लगाया है कि रेवंत रेड्डी की सरकार फिल्म जगत को निशाना बना रही है. तेलंगाना विधानसभा में इस मामले को एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी ने उठाया था. विधानसभा में यह मामला उठाने को बीजेपी नेता ने शर्मनाक बताते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार एआईएमआईएम के साथ मिलकर विधानसभा को प्लेटफार्म बनाकर फिल्म जगत को तबाह करना चाहती है. संजय ने अस्पताल जाकर भगदड़ में मारी गई महिला के बच्चे श्रीतेज से भी मुलाकात की थी. बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

क्या चाहता है तेलगू का फिल्म जगत

अब इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तेलगू फिल्म जगत के लोग भी आगे आ रहे हैं. तेलंगाना फिल्म चैंबर के नवनियुक्त अध्यक्ष दिल राजू इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सक्रिय हो गए हैं. वो मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी पुष्टि राजू ने मंगलवार को की.उन्होंने कहा कि वो जल्द ही तेलगू फिल्म जगत के अन्य प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात करेंगे.दिल राजू ने भगदड़ में मारी गई महिला के घायल बेटे श्रीतेज से अस्पताल में मुलाकात की है. उन्होंने यह कदम तब उठाया, जब सरकार ने इस बात की आलोचना की कि घायल बच्चे से मिलने फिल्म जगत से कोई नहीं आया.

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