November 10, 2024
असम विधानसभा में नमाज ब्रेक पर रोक को लेकर अब Cm हिमंता बिस्वा सरमा ने कह दी ये बात

असम विधानसभा में नमाज ब्रेक पर रोक को लेकर अब CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कह दी ये बात​

असम की हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए 2 घंटे के ब्रेक पर रोक लगा दी है.

असम की हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए 2 घंटे के ब्रेक पर रोक लगा दी है.

असम विधानसभा में नमाज के लिए दी जाने वाली दो घंटे की ब्रेक को समाप्त करने के फैसले पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि हिंदू और मुस्लिम विधायकों ने एक साथ बैठकर सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि “हमारी विधानसभा के हिंदू और मुस्लिमों ने माला नियम समिति (Malas Rule Committee) में बैठकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि दो घंटे का ब्रेक सही नहीं है. हमें इस अवधि के दौरान भी काम करना चाहिए. यह प्रथा 1937 में शुरू हुई थी और कल से इसे बंद कर दिया गया है.” उन्होंने कहा, “यह सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय है. यह सिर्फ मेरा फैसला नहीं है.”

असम विधानसभा की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के औपनिवेशिक बोझ को हटाने के लिए, प्रति शुक्रवार सदन को जुम्मे के लिए 2 घंटे तक स्थगित करने के नियम को रद्द किया गया।

यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने शुरू की थी।

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— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 30, 2024

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कल एक पोस्ट करते हुए असम विधानसभा में नमाज के लिए दी जाने वाली दो घंटे की ब्रेक को खत्म करने की बात कही थी. मुख्यमंत्री ने लिखा था, राज्य विधानसभा ने औपनिवेशिक असम में सादुल्लाह की मुस्लिम लीग सरकार द्वारा शुरू की गई हर शुक्रवार को जुम्मा की नमाज़ के लिए दो घंटे के स्थगन की प्रथा को समाप्त कर दिया. असम विधानसभा की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के औपनिवेशिक बोझ को हटाने के लिए, प्रति शुक्रवार सदन को जुम्मे के लिए 2 घंटे तक स्थगित करने के नियम को रद्द किया गया. यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने शुरू की थी.

असम विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि समय की कमी के कारण शुक्रवार को चर्चा कराना मुश्किल हो गया था.

असम सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना की जा रही है. वहीं अब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ किया है कि ये फैसला बैठकर सर्वसम्मति से लिया गया है.

गौरतलब है कि असम विधानसभा में साल 1937 से शुक्रवार के दिन दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज अदा करने के लिए अवकाश दी जाती थी.

विपक्षी पार्टियों ने साधा निशाना

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सीएम सरमा पर निशाना साधाते हुए कहा था कि असम के मुख्यमंत्री “सस्ती लोकप्रियता” चाहते हैं और भाजपा “किसी न किसी तरह से मुसलमानों को परेशान करना चाहती है. समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा, “हिमंत बिस्वा सरमा ने समाज में ज़हर फैलाया है. उनकी सरकार मुसलमानों के ख़िलाफ़ है.

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