December 21, 2024
आदमी को बैठाकर उड़ने वाला ड्रोन बनाने वाले छात्र से इंप्रेस हुए आनंद महिंद्रा, तारीफ में कह दी इतनी बड़ी बात

आदमी को बैठाकर उड़ने वाला ड्रोन बनाने वाले छात्र से इंप्रेस हुए आनंद महिंद्रा, तारीफ में कह दी इतनी बड़ी बात​

मेधांश त्रिवेदी नाम के इस छात्र को ड्रोन को तैयार करने में तीन महीने का समय लगा था, जो 80 किलोग्राम तक वजन वाले व्यक्ति को लगभग छह मिनट तक उड़ाने में सक्षम है.

मेधांश त्रिवेदी नाम के इस छात्र को ड्रोन को तैयार करने में तीन महीने का समय लगा था, जो 80 किलोग्राम तक वजन वाले व्यक्ति को लगभग छह मिनट तक उड़ाने में सक्षम है.

कुछ दिनों पहले एक खबर आई थी कि ग्वालियर के एक हाई स्कूल के छात्र ने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो एक आदमी को बैठाकर भी उड़ सकता है, इस सिंगल-सीटर ड्रोन-कॉप्टर को बनाने के बाद इस छात्र को लोगों से जमकर सराहना मिली थी. वहीं अब उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी इस छात्र के टैलेंट से इंप्रेस हुए हैं और उसकी तारीफ भी की है.

रिपोर्टों के अनुसार, मेधांश त्रिवेदी नाम के इस छात्र को ड्रोन को तैयार करने में तीन महीने का समय लगा था, जो 80 किलोग्राम तक वजन वाले व्यक्ति को लगभग छह मिनट तक उड़ाने में सक्षम है.

It’s not so much about innovation, since the know-how of building such a machine is available on the net.

It’s about the passion for engineering and the commitment to get the job done.

The more young people we have like this the more innovative a nation we will become…… https://t.co/U9UTW10Pwp

— anand mahindra (@anandmahindra) December 19, 2024

छात्र की तारीफ करते हुए, महिंद्रा ने अपने पोस्ट के कैप्शन में कहा: “यह सिर्फ नवाचार के बारे में नहीं है, क्योंकि ऐसी मशीन बनाने की जानकारी नेट पर उपलब्ध है. बल्कि यह तो इंजीनियरिंग के प्रति जुनून और काम पूरा करने की प्रतिबद्धता के बारे में है. हमारे पास जितने अधिक युवा लोग होंगे हम उतने ही ज्यादा नवोन्वेषी राष्ट्र बनेंगे.”

त्रिवेदी की इस रचना के लिए सोशल मीडिया यूजर्स ने भी उनकी जमकर सराहना की है. एक यूजर ने लिका- “नवाचार अक्सर जुनून, समर्पण और विचारों को वास्तविकता में बदलने की इच्छा से उत्पन्न होता है. जब युवा दिमाग इतने उत्साह के साथ इंजीनियरिंग को अपनाते हैं, तो वे एक अधिक रचनात्मक और प्रगतिशील राष्ट्र की नींव रखते हैं. यहां उस भावना को बढ़ावा देना है.” दूसरे ने कहा, “नवाचार सिर्फ ज्ञान पर नहीं, बल्कि चीजों को पूरा करने के जुनून और समर्पण पर पनपता है.” बहुत से लोगों ने स्व-निर्मित ड्रोन को “बहुत शानदार काम” बताया.

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