हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि कर्नाटक में सरकारी कामों में मुस्लिमों को चार पर्सेंट आरक्षण दिया है. इसको किसी भी प्रकार से ठीक नहीं ठहराया जा सकता है.
कर्नाटक में सरकारी कामों में मुस्लिम कोटा को लेकर सियासत गर्मा गई है. बीजेपी इसको लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. हरियाणा में अनिल विजन ने देश को बांटने वाला फैसला करार देते हुए कहा कि मुस्लिमों ने 400 सालों तक हिंदुस्तान पर राज किया है, ऐसे में उनको छूट देने की जरूरत क्या है. वहीं बिहार में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कांग्रेस पर ‘धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुस्लिम तुष्टिकरण’ की नीति अपनाने का आरोप लगाया.

‘मुस्लिमों ने 400 साल राज किया, आरक्षण क्यों?’
हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि कर्नाटक में सरकारी कामों में मुस्लिमों को चार पर्सेंट आरक्षण दिया है. इसको किसी भी प्रकार से ठीक नहीं ठहराया जा सकता है. मुस्लिमों ने 400 साल हमारे ऊपर राज किया है. उनको किसी छूट की क्या जरूरत है.’ विज ने कांग्रेस पर भड़कते हुए कहा यह समाज को बांटने का काम है. दूध में दही डाल दी गई है. यह फट जाए. यह कांग्रेस के चरित्र में है. कांग्रेस ने 1947 में अपनी इसी सोच के कारण देश का बंटवारा करवाया है. जमीन का बंटवारा तो करवा दिया गया, लेकिन एक साजिश के तहत फिर देश को बांटने की साजिश चल रही है.
बिहार में बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा, “कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति द्वारा प्रचारित विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाकर इस देश को तोड़ना चाहती है. कर्नाटक सरकार ने जिस तरह से मुसलमानों को अलग धार्मिक कोटा देने का विधेयक पारित किया है, वह पूरी तरह से अनुचित है और हर ओबीसी को इस कदम का विरोध करने की जरूरत है.”

आनंद ने कहा, “कांग्रेस एंड कंपनी द्वारा एससी-एसटी (अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति) और ओबीसी के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए अलग मुस्लिम आरक्षण का खेल खेला जा रहा है.”
उन्होंने कहा, “अगर ऐसा है, तो समय आ गया है कि ओबीसी आरक्षण की परिधि में सुविधा प्राप्त करने वाले सभी मुसलमानों को बाहर किया जाना चाहिए. यह समझने का समय आ गया है कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सामाजिक न्याय और मुस्लिम तुष्टिकरण एक साथ नहीं चल सकते. यह ओबीसी के हितों को कमजोर करने की एक गंभीर साजिश है.”
आनंद ने कहा, “ओबीसी को अपने अधिकारों के लिए जागना चाहिए और मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण से बाहर करने की लड़ाई के साथ-साथ धार्मिक आरक्षण को रोकने के लिए भी मुहिम छेड़नी होगी.”
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