November 24, 2024
इजरायल में कार्यस्थितियों और वेतन से संतुष्ट हैं भारतीय श्रमिक : इजरायली दूतावास

इजरायल में कार्यस्थितियों और वेतन से संतुष्ट हैं भारतीय श्रमिक : इजरायली दूतावास​

इजरायल के भारत में स्थित दूतावास ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय समझौतों के तहत आने वाले निर्माण श्रमिकों से वह संतुष्ट है. इजरायल में कार्यरत भारतीय मजदूरों के बारे में उसने कहा है कि हमारे दफ्तरों को मिली रिपोर्टों से पता चलता है कि अधिकांश भारतीय निर्माण श्रमिक अपनी कार्यस्थितियों और वेतन से संतुष्ट हैं. हाल में इस बारे में आई मीडिया रिपोर्टों को लेकर इजरायल ने यह बात कही है.

इजरायल के भारत में स्थित दूतावास ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय समझौतों के तहत आने वाले निर्माण श्रमिकों से वह संतुष्ट है. इजरायल में कार्यरत भारतीय मजदूरों के बारे में उसने कहा है कि हमारे दफ्तरों को मिली रिपोर्टों से पता चलता है कि अधिकांश भारतीय निर्माण श्रमिक अपनी कार्यस्थितियों और वेतन से संतुष्ट हैं. हाल में इस बारे में आई मीडिया रिपोर्टों को लेकर इजरायल ने यह बात कही है.

इजरायल के भारत में स्थित दूतावास ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय समझौतों के तहत आने वाले निर्माण श्रमिकों से वह संतुष्ट है. इजरायल में कार्यरत भारतीय मजदूरों के बारे में उसने कहा है कि हमारे दफ्तरों को मिली रिपोर्टों से पता चलता है कि अधिकांश भारतीय निर्माण श्रमिक अपनी कार्यस्थितियों और वेतन से संतुष्ट हैं. हाल में इस बारे में आई मीडिया रिपोर्टों को लेकर इजरायल ने यह बात कही है.

इजरायली दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में उक्त बात कही है. दूतावास ने कहा है कि, जैसा कि कई नए उद्योगों में होता है, कठिनाइयां आती हैं. ऐसे में पॉपुलेशन एंड इमिग्रेशन अथॉरिटी (PIBA) ने अनुरोध करने वाले निर्माण श्रमिकों का औद्योगिक कार्य के लिए रजिस्ट्रेशन करने की इजाजत दी. यह अस्थायी निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था कि सभी भारतीय श्रमिकों को इजरायल में अच्छे वेतन वाली नौकरियों के लिए तत्काल अवसर मिलें.

इजरायल को उम्मीद है कि 1000 से अधिक भारतीय निर्माण श्रमिकों का अगला समूह जल्द ही वहां पहुंच जाएगा.

इजरायल को निर्माण श्रमिकों और स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत

गौरतलब है कि इजरायल ने बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में कौशल के अंतर को दूर करने के लिए 10,000 निर्माण श्रमिकों और 5,000 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की भर्ती के लिए अभियान चलाने के इरादे से भारत से संपर्क साधा है. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि इजरायल का यह नया अनुरोध साल की शुरुआत में किए गए इसी तरह के भर्ती अनुरोध के बाद आया है.

एनएसडीसी का यह बयान आने के पहले एक मीडिया रिपोर्ट में द्विपक्षीय नौकरी योजना के तहत दोषपूर्ण चयन का दावा किया गया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय श्रमिकों को निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए इजरायल ले जाया जाएगा. एक लाख से अधिक फिलिस्तीनी मजदूरों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ऐसा किया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट में इजरायली दूतावास के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि दो साधनों से करीब 5,000 श्रमिकों की भर्ती की गई है. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने सरकार-से-सरकार (जी2जी) भर्तियों को अंजाम दिया है जबकि विदेश मंत्रालय की देखरेख में निजी एजेंसियों ने व्यवसाय-से-व्यवसाय (बी2बी) भर्तियां की हैं.

इस दावे के बीच एनएसडीसी ने कहा कि इजरायल के जनसंख्या, आव्रजन और सीमा प्राधिकरण (PIBA) ने निर्माण क्षेत्र की नौकरियों के लिए अनुरोध किया है. पीबा की एक टीम भारत का दौरा करेगी ताकि चयन के लिए जरूरी कौशल परीक्षण किए जा सके.

महाराष्ट्र में चलेगा भर्ती अभियान

एनएसडीसी ने कहा है कि इजरायल जाने वाले निर्माण श्रमिकों के लिए भर्ती अभियान का दूसरा दौर महाराष्ट्र में चलाया जाएगा.

इजराइल को अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 5,000 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की भी जरूरत है. इसके लिए 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद किसी मान्यता-प्राप्त भारतीय संस्थान से प्रमाण पत्र पाने वाले और कम से कम 990 घंटे का देखभाल अनुभव रखने वाले व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं.

इजरायल के लिए निर्माण श्रमिकों की भर्ती के पहले दौर में कुल 16,832 उम्मीदवार कौशल परीक्षण में शामिल हुए थे जिनमें से 10,349 उम्मीदवारों का चयन किया गया. चयनित लोगों को प्रति माह 1.92 लाख रुपये का वेतन, चिकित्सा बीमा, भोजन और आवास मिलेगा. इन उम्मीदवारों को प्रति माह 16,515 रुपये का बोनस भी दिया जाता है.

पिछले साल नवंबर में दोनों सरकारों के बीच समझौता होने के बाद राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने भर्ती के लिए सभी राज्यों से संपर्क किया था. भर्ती अभियान का पहला दौर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना में चलाया गया था.
(इनपुट भाषा से भी)

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