जीवन में ऐसा कई बार होता है जब किसी इंसान का बर्ताव उसके स्वभाव से अलग दिखता है. जिसे देखकर मन में सवाल आता है कि ये कैसे हो गया. ये तो ऐसा नहीं था. आखिर कब होता है ऐसा और इसके पीछे क्या है कारण, इस लेख में जानें.
Life Lessons For Mental Health: कहते हैं जिंदगी जो सबक सिखाती है, उससे बड़े सबक कोई नहीं सिखा सकता. ये सबक मरते दम तक काम आते हैं. जीवन के हर पड़ाव में ऐसे ही सबक हम सीखते जाते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि जीवन में कई परिस्थितियां ऐसी आती हैं, जो आपको आपके रियल स्वभाव से परिचित कराती हैं. तभी आप जान पाते हैं कि आपके अंदर किसी विपरीत परिस्थिति से पार उतरने का कितना जज्बा है. केवल आप ही नहीं आपके आसपास के लोगों के असली रंग भी इस दौरान सामने आते हैं. इस लेख में जानें कब आप किसी का असली चेहरा देख व समझ सकते हैं.
कब दिखता है असली चेहरा – When person will show their true real face
तनाव के दौरान
जब व्यक्ति अत्यधिक तनाव में होता है तो वो जो बर्ताव करता है वह कभी बनावटी नहीं हो सकता. तब उस व्यक्ति की असली पर्सनालिटी सामने आती है. ऐसे में कोई धीरज से काम लेता है तो कोई अपना आपा खो देता है. इसी से पता चलता है कि सामने वाले का असली व्यक्तित्व कैसा है.
असफलता के समय
सफलता तो सबको रास आती है पर असफलता के दिन सब बर्दाश्त नहीं कर पाते. यह वो समय होता है जब कोई इंसान खुद को भीतर से टूटा हुआ महसूस करता है. वह असफलता को कैसे हैंडल करता है, इसी से पता चलता है कि वह मुश्किल दिनों में कितना सहज रह पाता है. जब लोग असफल होते हैं तो उनका असली चेहरा सामने आता है. अमूमन इस समय में लोग ऐसा बर्ताव करते हैं जिसमें झल्लाहट, खीझ दिखती है. बेवजह का गुस्सा दिखता है, जो उनके भीतर कब का भरा हुआ होता है.
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जब पावर मिलती है
कहा जाता है कि पॉवर ऐसी चीज है जो बड़े-बड़ों का दिमाग खराब कर सकती है. जब सत्ता या शक्ति, अथॉरिटी हाथ में आती है तो लोगों का असली चरित्र सामने आता है. इसी समय में लोगों के नकारात्मक पहलू भी दिखने लगते हैं. वे ऐसे काम करने लगते हैं जो उन्होंने पहले नहीं किए होते. उन्हें लगता है कि दुनिया उनके कदमों में है और वे जो करेंगे वही सही है. ऐसे समय में व्यक्ति की सोच, सही-गलत का चुनाव प्रत्यक्ष होने लगता है.
जब प्लान फेल होने लगे
जीवन में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता. लोग योजनाएं, लक्ष्य बनाते हैं और कई बार उनके बनाए सारे प्लान विफल हो जाते हैं. वे जो भी करना चाहते हैं कर नहीं पाते. या जो कर रहे हैं उसमें सफलता नहीं मिल रही होती. यह ऐसा समय होता है जब कोई भी टूट जाए. इस समय में किसी भी शख्स का असली चेहरा दुनिया को दिखता है. जो इस कठिन समय को सहजता से पार कर जाता है, दुनिया उसे सलाम करती है.
जब कोई ना देख रहा हो
किसी का असली चेहरा तब सामने आता है जब उसे लगता है कि उसे देखने वाला, रोकने वाला कोई नहीं है. जब वह अकेला हो. जब उसे किसी को इंप्रेस ना करना हो और ये डर भी ना हो कि उसके बर्ताव से कोई नाराज हो जाएगा. जब अपनों के बंधन ना हों तो व्यक्ति जो करता है, वह उसका असली चरित्र दर्शाता है.
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