इस साल उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इसे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इसके लिए रणनीति बनाने में सभी दल लगे हुए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अबतक 10 में से सात सीटों का दौरा कर चुके हैं.
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इनके तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने अभी नहीं की है. लेकिन इसके पहले ही राजनीतिक दल इन सीटों पर रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. इन उपचुनावों के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे अधिक पसीना बहा रहे हैं. इस उपचुनाव की कमान योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथ में ले रखी है. वह इन सभी सीटों का दौरा कर चुके हैं. वो अबतक पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर चुके हैं.
किस बात से परेशान है बीजेपी
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया. इस गठबंधन ने प्रदेश की 80 में से 43 सीटों पर कब्जा जमा लिया. इनमें से सपा ने 37 और कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत दर्ज की है. इससे बीजेपी परेशान है. वह उत्तर प्रदेश में अपना खोया हुआ जनाधार वापस लाने की हर संभव कोशिश कर रही है. इसके लिए वह रोज नए कार्यक्रम बना रही है. साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन उपचुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा है. इसके लिए बीजेपी और इंडिया गठबंधन तगड़ी तैयारी कर रहे हैं. दोनों दलों ने अपने चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. खास बात यह है कि इन उपचुनाव को बसपा त्रिकोणीय बना रही है.बसपा प्रदेश में अपनी सरकार जाने के बाद पहली बार उपचुनाव लड़ रही है. वह अपने खिसकते जनाधार से परेशान है और अपना जनाधार बढाने की जुगत भिड़ा रही है.
इस उपचुनाव में भी बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती सपा और कांग्रेस का गठबंधन ही होगा. दरअसल सपा प्रमुख अखिलेश यादव का पीडीए फार्मूला (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) काफी कारगर साबित होता जा रहा है.वो इन समुदायों के मुद्दों को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं. हाल में मंगेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत पर जिस तरह से सपा प्रमुख मुखर हुए बुलडोजर को लेकर उनकी सीएम योगी आदित्यनाथ से जुबानी जंग हुई, वह इसी पीडीए को और मजबूत बनाने की कोशिश थी.मुख्यमंत्री योगी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के सहारे अखिलेश यादव पर हमले कर रहे हैं. वो समाजवादी पार्टी को गुंडों की पार्टी बताने में लगे हुए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ने अब तक मिल्कीपुर और कटेहरी का तीन-चार बार और खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, मीरापुर और कुंदरकी का एक-एक बार दौरा कर लिया है. केवल गाजियाबाद और मझवां में ही वो अबतक नहीं गए हैं. बीजेपी यह उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने वाली है.योगी आदित्यनाथ ने इन 10 सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम बनाई है. वो इस टीम से हर हफ्ते फीडबैक लेते हैं.योगी ने उपचुनाव वाले जिन जिलों का दौरा किया है, उनमें उन्होंने पांच हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है.
योगी आदित्यनाथ अपने दौरों के दौरान जनसभाओं में अयोध्या, कन्नौज और बांग्लादेश की घटनाओं का जिक्र करते हैं.अयोध्या और कन्नौज में हुए बलात्कार में सपा समर्थक ही आरोपी हैं.वहीं बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा वो उठाते हैं.इस तरह वो हिंदुत्व का मुद्दा उठा रहे हैं और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को हवा दे रहे हैं. वहीं युवाओं को आकर्षित करने के लिए यूपी सरकार लगातार नियुक्ति प्रमाण पत्र बांट रही है.सरकार ने 10 में से आठ क्षेत्रों में अब तक 22 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति प्रमाण पत्र बांट चुकी है. इसके अलावा छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन भी दिए जा रहे हैं.यह पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को लुभाने की कोशिश मानी जा रही है.
उत्तर प्रदेश की किन सीटों पर होगा उपचुनाव
यूपी की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें अयोध्या जिले की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ, मैनपुरी की करहल, अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां विधानसभा सीट शामिल है. इनमें से नौ सीटों पर चुनाव विधायकों के सांसद चुने जाने और एक सीट सीसामऊ में सपा विधायक को सजा सुनाए जाने की वजह से उपचुनाव कराया जाएगा. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर सपा ने जीत दर्ज की थी. वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद और खैर सीट बीजेपी ने जीती थी. मझवां सीट बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी और मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीती थी.
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