शरद पवार ने पूरे मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया. राकांपा(शरदचंद्र पवार) प्रमुख ने कहा कि अखिलेश यादव नीत समाजवादी पार्टी (सपा) का विपक्षी एकता को लेकर अडिग रुख है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि विपक्ष को अपनी हार से निराश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसे जनता के पास जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि जनता महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत ‘महायुति’ की जीत से उत्साहित नजर नहीं आ रही है.
पवार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि सरकार अपने सभी चुनाव पूर्व वादों पर अमल करे, जिनमें ‘लाडकी बहिन’ योजना के तहत महिलाओं को हर माह वित्तीय सहायता 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करना शामिल है.
राजनीति में दशकों का अनुभव रखने वाले पवार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह सच है कि हम हार गए हैं. हमें इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि लोगों के पास जाना चाहिए, क्योंकि चुनाव परिणामों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है. बहुत नाराजगी है.”
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए हालिया चुनाव में, सत्तारूढ़ भाजपा अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना की भागीदारी वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 230 सीट पर जीत दर्ज की थी.
समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबू आजमी ने एमवीए के घटक दल शिवसेना(उबाठा) ने एक अखबार में विज्ञापन देकर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाने की प्रशंसा करने के मुद्दे पर गठबंधन से अलग होने की घोषणा की है.
इस बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने पूरे मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया. राकांपा(शरदचंद्र पवार) प्रमुख ने कहा कि अखिलेश यादव नीत समाजवादी पार्टी (सपा) का विपक्षी एकता को लेकर अडिग रुख है.
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किये जाने से जुड़े सवाल पर पवार ने कहा कि एमवीए के घटक दल इस बात पर जोर नहीं दे सकते कि उन्हें यह पद मिले, क्योंकि उनके पास आवश्यक संख्याबल नहीं है.
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए किसी भी दल के पास कम से कम 29 विधायक होने चाहिए. शरद पवार नीत राकांपा(एसपी), कांग्रेस या शिवसेना (उबाठा) सहित किसी भी विपक्षी दल के पास यह संख्या नहीं है.
पवार ने हालांकि रेखांकित किया कि 1980 के दशक में जब दलबदल के कारण उनकी खुद की पार्टी के विधायकों की संख्या घटकर मात्र छह रह गई थी, तब भी वह एक साल के लिए विपक्ष के नेता बने, उनके बाद मृणाल गोरे और निहाल अहमद को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया, क्योंकि विपक्ष ने इस पद को बारी-बारी से साझा करने का फैसला किया था.
राज्यसभा में 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिलने से उपजे विवाद के बारे में पूछे गए एक सवाल पर पवार ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि यह गड्डी एक सांसद (कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी) की सीट तक कैसे पहुंची, जो एक प्रसिद्ध वकील हैं. पवार खुद संसद के उच्च सदन के सदस्य हैं.
NDTV India – Latest
More Stories
Pushpa 2 Box Office Collection Day 7: शाहरुख खान ने जो काम करने में लगाए 1 महीने वो अल्लू अर्जुन ने किया एक हफ्ते में, पुष्पा 2 पहुंची 1000 करोड़ के पार
2024 की सबसे बड़ी फ्लॉप देने वाले इस एक्टर ने उड़ाया पुष्पा 2 का मजाक, बोले- इतनी भीड़ तो जेसीबी की खुदाई में आ जाती है
2024 की अजय देवगन की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म का जानते हैं नाम, 235 करोड़ के बजट में कमाए 68 करोड़