विवाद बढ़ने के बाद बुधवार को सपा विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से मौजूदा सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन के पटल पर अबू आजमी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया.
महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर छिड़े विवाद में शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव आमने-सामने आ गए हैं. उद्धव ठाकरे ने सपा विधायक (निलंबित) अबू आज़मी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अबू आजमी को सिर्फ बजट सत्र से नहीं, बल्कि हमेशा के लिए निलंबित कर देना चाहिए.
जब अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र में औरंगजेब के मुद्दे पर आपत्ति जताई, तो उद्धव ठाकरे ने जवाब देते हुए कहा कि अखिलेश को आपत्ति जतानी है, तो जताने दीजिए, लेकिन यहां पूरे महाराष्ट्र ने आपत्ति जताई है. अगर उन्हें (अखिलेश) ऐसा लगता है, तो वो अबू आज़मी को उत्तर प्रदेश से चुनकर लाएं. क्या उन्हें सच पता है?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब अबू आज़मी ने औरंगजेब को लेकर बयान दिया था, जिस पर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) ने कड़ा विरोध जताया है. अब उद्धव ठाकरे भी इस विवाद में खुलकर सामने आ गए हैं और उन्होंने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा है.
विवाद बढ़ने के बाद बुधवार को सपा विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से मौजूदा सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन के पटल पर अबू आजमी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया. इस सत्र के दौरान अबू आजमी के विधानसभा परिसर में घुसने पर रोक रहेगी.
इससे पहले मंगलवार को अबू आजमी के औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में गूंजा. उनके इस बयान को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और आजमी को विधानसभा से निलंबित करने की मांग की थी. उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की भी मांग की गई. हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब वाले बयान पर सफाई भी दी. उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.
बता दें कि सोमवार को सपा नेता अबू आजमी ने मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ की थी. अबू आजमी ने कहा था, ‘औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था. उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना. मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं. औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी. औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया. औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है.’
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