March 4, 2025
कंटेनरों को उड़ाकर ले गई बर्फ... कैसे क्या हुआ, बद्रीनाथ हादसे की खौफनाक आपबीती

कंटेनरों को उड़ाकर ले गई बर्फ… कैसे क्या हुआ, बद्रीनाथ हादसे की खौफनाक आपबीती​

उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा हिमस्खलन स्थल में कई फीट बर्फ में अब भी फंसे चार मजदूरों को निकाले जाने के लिए अभियान जारी है. इस बीच उन लोगों ने आपबीती बताई, जो इस एवलांच के बाद मौत के मुंह से निकलकर बाहर अए हैं.

उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा हिमस्खलन स्थल में कई फीट बर्फ में अब भी फंसे चार मजदूरों को निकाले जाने के लिए अभियान जारी है. इस बीच उन लोगों ने आपबीती बताई, जो इस एवलांच के बाद मौत के मुंह से निकलकर बाहर अए हैं.

‘ऐसा मंजर मैंने पहले कभी नहीं देखा सर… एकदम से एवलांच आया और कंटेनर हवा में उठ रहे थे. कंटेनर के साथ कुछ लोग उड़ गए थे और कुछ लोग कंटेनर से बाहर निकल गए…’ उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बीते 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन के बाद रेस्‍क्‍यू किये एक मजदूर ने जब वो पल बयां किया, तो रोंगटे खड़े हो गए. एवलांच में फंसे 54 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 52 श्रमिकों को रेस्क्यू कर लिया गया है, जिनमें से 6 की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि 2 मजदूर अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.

‘हम सेना के शिविर की ओर भाग के गए…’

एवलांच के बाद मौत के मुंह से बाहर आए जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती इलाक करा रहे मनोज भंडारी ने बताया, ” यह सब इतना अचानक हुआ कि हमें कुछ भी पता नहीं चला. भयंकर तूफान के कारण हमारे सभी कंटेनर नष्ट हो गए. किसी तरह हम सेना के शिविर की ओर भाग के गए. मैं अब ठीक हूं, मौसम इतना खराब था कि सेना और सरकार क्या कर सकती थी. सरकार, सेना सबका बहुत-बहुत धन्यवाद.

#WATCH माणा (चमोली) हिमस्खलन घटना | जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती में से एक मनोज भंडारी ने कहा, ” यह सब इतना अचानक हुआ कि हमें कुछ भी पता नहीं चला। भयंकर तूफान के कारण हमारे सभी कंटेनर नष्ट हो गए… किसी तरह हम सेना के शिविर की ओर भाग के गए…मैं अब ठीक हूं, मौसम इतना खराब था… pic.twitter.com/Yl7pUG7pNP

— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2025

‘कंटेनर हवा में उड़ रहे थे साहब’

जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती मुन्ना प्रसाद ने बताया, ‘ऐसा मंजर मैंने पहले कभी नहीं देखा सर. कंटेनर हवा में उठ रहे थे साहब. 6-7 कंटेनर हवा में उड़ गए. कंटेनर के साथ कुछ लोग उड़ गए थे और कुछ लोग कंटेनर से बाहर निकल गए. जो लोग कंटेनर से बाहर उड़ कर गिरे, वो ऐसे ही खुले में पड़े थे. हम किसी तरह 23 लोग BRO कैंप पहुंचे. आर्मी ने हमारा काफी सहयोग किया, उनकी मदद से ही आज हम बच पाए हैं.’

#WATCH माणा (चमोली) हिमस्खलन घटना | जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती मुन्ना प्रसाद ने कहा, “ऐसा मंजर मैंने पहले कभी नहीं देखा। कंटेनर हवा में उठ रहे थे। कंटेनर के साथ कुछ लोग उठे और कुछ लोग कंटेनर से बाहर निकल गए। हम किसी तरह 23 लोग BRO कैंप पहुंचे…अभी 6-7 लोग लापता हैं।” https://t.co/Z5FZieFxbN pic.twitter.com/sXKkTpb3g2

— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2025

अभी हमारे पास 45 मरीज हैं- आर्मी हॉस्पिटल के डॉक्‍टर

आर्मी हॉस्पिटल में मेजर अमित कुमार मिश्रा ने बताया, ‘अभी हमारे पास 45 मरीज हैं, इनमें से 3 गंभीर हैं इसमें से एक को लीवर में चोट आई हैं. खून का रिसाव हो रहा है उसको हमने मैनेज किया. अभी उनकी स्थिति ठीक है. बाकी सारे मरीज ठीक स्थिति में हैं. हम सभी की स्थिति पर निगरानी कर रहे हैं अगर इलाज के लिए आगे भेजना होगा तो हम भेजेंगे. अभी सभी की हालत खतरे से बाहर है.’

माणा में जारी है सर्च ऑपरेशन, 4 मजदूरों अब भी लापता

माणा में सर्च ऑपरेशन के दूसरे दिन 23 मजदूरों को जोशीमठ लाया गया है, जिसमें से 20 घायल और 03 की मृत्यु हो चुकी है. इस तरह अभी तक रेस्क्यू किए गए 50 मजदूरों में से 04 की मृत्यु हो चुकी है. वहीं, गंभीर रूप से घायल को 01 मजदूर को इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा गया है. बाकी घायलों का मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि इस रेस्क्यू अभियान में सेना के 07 और 01 निजी हैली की मदद से घायलों को जोशीमठ लाया गया है. लापता श्रमिकों में हरमेश चन्द हिमाचल प्रदेश, अशोक उत्तर प्रदेश, अनिल कुमार व अरविंद उत्तराखंड के रहने वाले हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि देर रात डॉक्टरों ने चार मजदूरों को मृत्यु की पुष्टि की है, जिनमें हिमाचल के जितेंद्र सिंह व मोहिन्द्र पाल, उत्तर प्रदेश के मंजीत यादव, तथा उत्तराखंड के अलोक यादव शामिल हैं.

जोशीमठ आर्मी हॉस्पिटल में ब्रिगेड जीएसओ 1 लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र ने बताया, ‘माणा में आए हिमस्खलन में 54 लोगों के दबे होने की सूचना प्राप्त हुई थी. पिछले 52 घंटे से बचाव कार्य जारी है. अभी तक 51 लोगों को निकाल लिया गया है. 4 लोगों की मृत्यु हो गई है 46 सुरक्षित है जिसमें से 1 को हमने कल AIIMS ऋषिकेश रेफर किया है. बाकियों का इलाज आर्मी अस्पताल में किया जा रहा है. 3 लोगों की हालत गंभीर है लेकिन उनकी सेहत में काफी सुधार हुआ है.’

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