October 19, 2024
कब है कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत, जानिए व्रत की तिथि,पूजा का मुहूर्त

कब है कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत, जानिए व्रत की तिथि,पूजा का मुहूर्त​

हर माह की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत रखा जाता है. 18 अक्टूबर से कार्तिक माह शुरू हो गया है. इस माह के प्रथम प्रदोष व्रत पर बनने वाला है अत्यंत दुर्लभ योग.

हर माह की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत रखा जाता है. 18 अक्टूबर से कार्तिक माह शुरू हो गया है. इस माह के प्रथम प्रदोष व्रत पर बनने वाला है अत्यंत दुर्लभ योग.

First Pradosh Vrat in Kartik Month; हर माह की त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित होती है. त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है और संध्या के समय विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान शिव प्रदोष व्रत रखने वाले अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. प्रदोष व्रत का महत्व और फल दिन के अनुसार होता है. 18 अक्टूबर से कार्तिक माह (Kartik Month) शुरू हो गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक माह में पहला प्रदोष व्रत कब और किस दिन (First Pradosh Vrat in Kartik) है और इस दिन कौन से योग बनने रहे हैं.

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कार्तिक माह में पहला प्रदोष व्रत – First Pradosh Vrat in Kartik

कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह के समय 10 बजकर 31 मिनट से शुरू हो रही है और 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी. कार्तिक माह में पहला प्रदोष व्रत 29 अक्टूबर मंगलवार को रखा जाएगा. मंगलवार के दिन आने के कारण यह भौम प्रदोष व्रत होगा. भौम प्रदोष व्रत करने से धन संपत्ति से संबधित परेशानियां दूर होती हैं.

पूजा का मुहूर्त

29 अक्टूबर को प्रदोष काल में 5 बजकर 38 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट तक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त है.

बन रहे हैं ये शुभ योग

कार्तिक माह के पहले प्रदोष व्रत पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है. 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक महादेव अपने प्रिय वाहन नंदी पर सवार रहेंगे. इस शुभ समय पर महादेव की पूजा व अभिषेक से सभी काम में सफलता प्राप्त करने का संयोग प्रबल हो सकता है. इसके साथ ही इस दिन इंद्र योग, तैतिल और गर के साथ करण योग का भी निर्माण होने वाला है. इन सभी योगों के कारण प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा फलदाई होगी.

29 अक्टूबर का पंचांग

सूर्य के उदय होने का समय सुबह 6 बजकर 31 मिनट

सूर्य के अस्त होने का समय शाम 5 बजकर 38 मिनट

चंद्रोदय का समय सुबह 4 बजकर 27 मिनट (30 अक्टूबर )

चंद्रास्त का समय शाम 3 बजकर 57 मिनट

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 48 मिनट से 5 बजकर 40 मिनट

गोधुलि मुहूर्त शाम 5 बजकर 38 मिनट से 6 बजकर 4 मिनट

निशिता मुहूर्त रात को 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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